
अनिल गुप्ता@दुर्ग. जिले में आज दो निजी हॉस्पिटल में भर्ती तीन लोगों की मौत हो गई। दोनों ही हॉस्पिटल में मौत के बाद वहां पर मृतकों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप था। कि चिकित्सालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण उन्होंने अपनो को खो दिया है। दोनों ही घटनाओं में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच को शुरू कर दिया है।
निजी चिकित्सालयों में ईलाज के नाम पर लापरवाही की बात लगातार सामने आती है। और इसी तरह के दो अलग अलग मामले दुर्ग जिले में आज देखने को मिली। जसके बाद गुस्साए परिजनों ने दोनों ही हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। पहला मामला गुप्ता हॉस्पिटल का है। जहाँ एक गर्भवती महिला को प्रसूति के लिए भर्ती कराया गया। भर्ती के बाद जच्चा-बच्चा ठीक थे। लेकिन इंजेक्शन देने के बाद उसकी सांस फूलने लगी। और उसके बाद प्रसूता महिला और उसके गर्भ में ठहरे बच्चें की मौत हो गई। उसी तरह से दूसरा मामला मित्तल हॉस्पिटल में भी नजर आया है। जहाँ दल्लीराजहरा के कमलेश मानिकपुरी ने मामूली सर्दी खांसी की समस्या होने पर 16 जुलाई की रात अपनी माँ सोहगाबाई को भर्ती कराया था। आयुष्मान योजना से ईलाज कराये जाने के नाम पर ओपीडी में पहले दस हजार रुपये जमा कराये जाने को कहा गया। इसके बाद मरीज के सिर में खून का थक्का जमा होने की जानकारी दी गई। इसके लिए ऑपरेशन कराये जाने के नाम पर 50 हजार रुपयों को जमा कराये जाने की बात हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा की गई। गरीब किसान कमलेश अपना खेत बेचकर पैसे जमा करा दिये। लेकिन इसके लिए उसे तीन दिन तक इंतजार करना पड़ा। कल रात दस बजे ऑपरेशन के बाद सोहगाबाई कि जब मौत हो गई। तब दूसरे दिन सुबह परिजन हंगामा करते रहे। और मित्तल हॉस्पिटल के प्रबंधन पर घोर लापरवाही किये जाने का आरोप लगाते रहे।
मर्ग कायम कर जांच में जुटी पुलिस
इधर दोनों मामले में मोहननगर थाने सहित स्मृति नगर पुलिस चौकी में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी गई हैं। दोनों हो मामलों मो लेकर दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव का कहना है, की सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाईन है, उसके अनुरूप मेडिकल एक्सपर्ट की ज्वाइंट टीम बनाकर जांच कराई जायेगी। जांच में जो तथ्य आयेंगे। उसी अनुरूप कार्यवाही की जायेगी।