छत्तीसगढ़रायपुर

आरक्षण मामला, हाईकोर्ट ने राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में मांगा जवाब

रायपुर । आरक्षण मामले में हाईकोर्ट ने राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। राज्य शासन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने मामले की पैरवी की है। मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में हुई है।
बता दें, कि राज्य सरकार ने दो महीने पहले विधानसभा के विशेष सत्र में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी, ओबीसी के लिए 27 फीसदी, अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 4 फीसदी आरक्षण किया था। इसके बाद विधेयक को राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था। राज्यपाल अनुसूईया उइके ने इसे स्वीकृत नहीं किया है, और उसे पास रखा है। जिसे लेकर एडवोकेट हिमांक सलूजा और राज्य शासन ने याचिका लगाई थी। इसमें कहा गया है कि विधानसभा में पारित किसी भी बिल को रोकने का अधिकार राज्यपाल को नहीं है।
सोमवार को इन दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बहस की, उन्होंने तर्क दिया, कि विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल सिर्फ सहमति या असमति दे सकते हैं। लेकिन, बिना किसी वजह के बिल को इस तरह से लंबे समय तक रोका नहीं जा सकता। राज्यपाल अपने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रही है। उनके साथ महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा भी थे। इस केस में हिमांक सलूजा की तरफ से हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट डॉ. निर्मल शुक्ला और शैलेंद्र शुक्ला ने तर्क हाईकोर्ट में रखा।

Related Articles

Back to top button