रेखा गुप्ता अटैक केस: कोर्ट बोली– सीएम आसान शिकार लगीं, पहली नजर में हत्या के प्रयास का मामला

दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में शनिवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी को मुख्यमंत्री “आसान शिकार” लगीं और पहली नजर में यह मामला आपराधिक साजिश और हत्या के प्रयास का बनता है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले में गंभीर आपराधिक मंशा के पर्याप्त प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद हैं।
एडीशनल सेशन जज (ASJ) एकता गौबा मान ने आरोपी साकरिया राजेशभाई खिमजी और सैयद तहसीन रजा रफीउल्लाह शेख के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए। इनमें आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारी को रोकना और सरकारी कार्य में बाधा डालने के लिए हमला करने जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। आरोपों की औपचारिक स्वीकृति या अस्वीकृति के लिए अगली सुनवाई 26 दिसंबर 2025 को तय की गई है।
कोर्ट ने चार्जशीट के हवाले से कहा कि CCTV फुटेज से यह स्पष्ट होता है कि हमले से एक दिन पहले आरोपी ने शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री के निजी आवास की रेकी की थी। जांच में दोनों आरोपियों के बीच कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) भी सामने आए हैं। इसके अलावा, आरोपी राजेश द्वारा मुख्यमंत्री के कैंप ऑफिस के वीडियो क्लिप सह-आरोपी तहसीन रजा को भेजने का भी उल्लेख किया गया है। अदालत के अनुसार, ये सभी तथ्य मुख्यमंत्री की हत्या के इरादे से रची गई साजिश की ओर इशारा करते हैं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी दिल्ली का निवासी नहीं था और उसके पास मुख्यमंत्री तक पहुंचने का कोई वैध कारण नहीं था। घटना के दौरान आरोपी ने सुरक्षा घेरा तोड़ा, मुख्यमंत्री के साथ मारपीट की, जिससे उनके सिर के टेम्पोरल हिस्से में चोट आई, नाक से खून बहा और होंठ पर भी चोट लगी। आरोप है कि इसके बाद आरोपी ने दोनों हाथों से उनका गला दबाया और जान से मारने की धमकी दी।
यह मामला 20 अगस्त 2025 का है, जब सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में जनसुनवाई के दौरान यह हमला किया गया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद मामले को बेहद गंभीर माना जा रहा है और आगे की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।





