NCR में पालतु और दुधारू पशुओं का पंजीकरण अनिवार्य, उल्लंघन पर जुर्माना और जेल

दिल्ली। हापुड़ जिले में आवारा पशुओं की समस्या को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। अक्सर लोग दूध निकालने या शौक पूरा होने के बाद गाय, भैंस, कुत्ते और बिल्लियों जैसे पालतु जानवरों को सड़कों पर छोड़ देते हैं। इससे न केवल सड़क हादसों की संख्या बढ़ती है बल्कि आम लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार ये जानवर हिंसक होकर लोगों पर हमला भी करने लगते हैं।
डीएम अभिषेक पांडेय ने जिले के चारों निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी पालतु जानवरों का शत-प्रतिशत पंजीकरण कराया जाए। इसके साथ ही उनका ऑनलाइन टीकाकरण और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया भी अनिवार्य होगी। इस कदम से पशुओं की सही संख्या का पता चलेगा और उनकी बेहतर देखभाल हो सकेगी।
डीएम ने कहा कि बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कराया जाएगा और शासन स्तर से इसकी अनुमति ली जाएगी। यदि कोई पशुपालक नियमों का पालन नहीं करता और अपने जानवरों को सड़क पर छोड़ देता है तो उसके खिलाफ तीन स्तर पर कार्रवाई होगी। पहले दो चरणों में आर्थिक दंड और चेतावनी दी जाएगी, जबकि तीसरे चरण में थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। प्रशासन का मानना है कि नगरीय क्षेत्रों में घूम रहे अधिकांश निराश्रित पशु वास्तव में पालतु ही हैं, जिन्हें दूध निकालने के बाद छोड़ दिया जाता है। नई व्यवस्था लागू होने से सड़कों पर पशुओं की संख्या कम होगी और दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी।