जांजगीर-चांपा

Janjgir-Champa: गरीबों के लिए मसीहा बनी ‘डॉ कात्यानी’….नि:स्वार्थ भाव से दे रही सेवाएं…पढ़िए पूरी खबर

जांजगीर चांपा। (Janjgir-Champa) कहते हैं ना डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं और यह कहावत चरितार्थ हो रहा है। मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पदस्थ खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कात्यानी सिंह पर. जिनके ऊपर कथित रूप से कई आरोप लगे। लेकिन वह घबराई नहीं जन सेवा में समर्पित होकर लगातार वह अपनी सेवाएं दे रही है।

Accident: भीषण सड़क हादसा……ट्रक और कार में हुई जबरदस्त टक्कर….जिंदा जले 7 लोग…मचा कोहराम

(Janjgir-Champa)  मालखरौदा क्षेत्र में एकलौती महिला चिकित्सा अधिकारी होने के साथ-साथ वह खंड चिकित्सा अधिकारी के पद पर बखूबी जिम्मेदारी निभा रही हैं. चाहे मरीजों की दिन-रात सेवा की बात हो या फिर गरीब मरीजों को निशुल्क इलाज मुहैया कराने की बात .अगर कोई मरीज जिसके पास पैसे ना हो तो उन्हें भी वह अपने पैसे से निशुल्क दवाइयां भी मुहैया करा रही है. यहां पर डॉक्टर  कात्यानी सिंह के साथ-साथ उनकी पूरी टीम भी निःस्वार्थ सेवा भाव से यहां पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

मोर पास सोनोग्राफी कराए ब पैसा नहीं रहीस त मैडम है पैसा दिस

(Janjgir-Champa)  कोरोना काल के दौरान अधिकतर आर्थिक मंदी हालत से लोग गुजर रहे हैं ऐसे में कई मरीज ऐसे भी होते हैं जिनके पास अन्य जांच के लिए पैसे भी नहीं होते ,वही एक गर्भवती महिला ने बताया कि उनके पास सोनोग्राफी कराने के लिए भी पैसा नहीं था लेकिन मरीज को इस स्थिति को देखते हुए डॉक्टर  सिंह ने मरीज को सोनोग्राफी के लिए अपने जेब से पैसे देकर उसका सोनोग्राफी कराया.

जरूरतमंद  मरीजों के किये अपने खर्चे से मुहैय्या कराती है दवाइयां

अस्पताल में जितने भी दवाइयां होती है वह तो मरीजों को मुफ्त में दी जाती ही हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कई जरूरत की दवाई सरकारी सप्लाई में नहीं होता जिसे मरीज को बाहर से खरीदना पड़ता है .लेकिन कई मरीज ऐसे भी होते हैं जिनके पास दवाई खरीदने के लिए पैसे भी नहीं होते उन्हें डॉक्टर साहिबा अपने पैसे खर्च कर उन्हें दवाइयां उपलब्ध कराती है .उनका कहना है कि दवाई के अभाव में किसी मरीज के इलाज में कोई कमी ना हो.

मैं केवल सकारात्मक सोचती हूं नकारात्मक नहीं मरीजों की सेवा मेरी पहली प्राथमिकता

डॉक्टर कात्यानी सिंह से जब हमने पूछा कि जब वे अच्छे काम कर रहे हैं फिर भी उनके ऊपर कई आरोप लग रहे हैं तो उनका कहना है कि मैं केवल सकारात्मक सोचती हूं नकारात्मक नहीं आरोप लगाना आसान है और जब कोई अच्छा काम होता है तो आरोप भी लगता है तो मैं कभी भी नकारात्मक चीज को ध्यान नहीं देती मैं केवल सकारात्मक सोच ही सोचती हूं और मेरी पहली प्राथमिकता है की मरीजों की बेहतर से बेहतर सेवा हो और उनके सेवा में कोई कमी ना हो .मुझे मेरे उच्च अधिकारियों ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसे मैं बखूबी ईमानदारी के साथ निभाऊंगी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button