रायपुर। राजधानी रायपुर में विजयादशमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास और पारंपरिक आस्था के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रावणभांठा और शंकरनगर दशहरा उत्सव में शामिल होकर रावण दहन कार्यक्रम देखा।
इस अवसर पर उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि विजयादशमी अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित कभी नहीं होता। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्रभु श्रीराम से गहरा संबंध है। माता कौशल्या का मायका यहीं है और प्रभु श्रीराम का ननिहाल छत्तीसगढ़ है। यही कारण है कि हम उन्हें ‘भांचा राम’ कहते हैं और यहां भांजे का पैर छूने की परंपरा है।
उन्होंने कहा कि वनवास काल में श्रीराम ने सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ छत्तीसगढ़ में लंबा समय बिताया। रावण के पास भव्य साम्राज्य और शक्तिशाली सेना होने के बावजूद श्रीराम ने वानर सेना के साथ मिलकर उसे परास्त किया। इससे स्पष्ट होता है कि अधर्म, अहंकार और अन्याय का नाश अवश्य होता है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपने भीतर के रावण जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार को खत्म करने का आह्वान किया और प्रदेशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रायपुर में दशहरा उत्सव का 150 वर्षों से अधिक पुराना इतिहास है और यहां प्रभु बालाजी महाराज का विशेष आशीर्वाद मिलता है। विधायक सुनील सोनी, महापौर मीनल चौबे समेत कई जनप्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, सीएसआईडीसी अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के सदस्य और आम नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भव्य आतिशबाजी देखने भारी भीड़ उमड़ी।