स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने युक्तियुक्तकरण, कोई भी शिक्षक पद समाप्त नहीं: राज्य सरकार

रायपुर । छत्तीसगढ़ में स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ किया गया है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में किसी भी शिक्षक पद को समाप्त नहीं किया गया, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था को और सशक्त किया गया है।
पूर्व में राज्य में शिक्षा व्यवस्था असंतुलित थी। कुछ स्कूलों में विद्यार्थी नहीं थे, लेकिन वहां शिक्षक पदस्थ थे। वहीं, 453 स्कूल शिक्षक विहीन थीं और 5936 शालाएं एकल शिक्षक पर चल रही थीं। इसके अलावा, कुछ स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक कार्यरत थे जैसे 8 स्कूलों में 15 से ज्यादा शिक्षक।
इसी असंतुलन को दूर करने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया। पहले चरण में 10538 स्कूलों को मिलाकर एकीकृत किया गया। इनमें एक ही परिसर में चल रहे 10372 स्कूल, ग्रामीण क्षेत्रों में 1 किमी के भीतर की 133 स्कूल और शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर के अंदर की 33 स्कूलें शामिल रहीं।
दूसरे चरण में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया। इसके तहत जरूरत से अधिक शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजा गया, जहां शिक्षक नहीं थे या एक ही शिक्षक था। इस प्रक्रिया के जरिए 15165 शिक्षकों और प्राचार्यों का समायोजन किया गया। अब राज्य की अधिकांश स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक हैं।
सरकार ने कहा कि अगर भविष्य में किसी स्कूल की छात्र संख्या बढ़ती है, तो वहां के लिए नए शिक्षक पदों की व्यवस्था की जाएगी। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है।