जहरीला कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर रंगनाथन गिरफ्तार, दवा से 24 बच्चों की हुई थी मौत

भोपाल। मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित SIT ने चेन्नई से गिरफ्तार किया है। रंगनाथन पर 20 हजार रुपए का इनाम था और वह पत्नी के साथ फरार चल रहा था। SIT ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं।
इस जहरीली दवा से अब तक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है। हाल ही में छिंदवाड़ा की उमरेठ तहसील के पचधार गांव के 3 वर्षीय मयंक सूर्यवंशी का इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 25 सितंबर से नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती था।
जांच में खुलासा हुआ कि सिरप बनाने में प्रयुक्त प्रोपलीन ग्लायकॉल नॉन फार्मास्यूटिकल ग्रेड का था। कंपनी ने 50-50 किलो के दो बैग यानी कुल 100 किलो केमिकल खरीदे, लेकिन न तो इसका बिल था और न ही एंट्री की गई। भुगतान कभी कैश और कभी G-Pay से किया गया। लैब जांच में सिरप में डाईएथिलीन ग्लायकॉल और एथिलीन ग्लायकॉल की मात्रा तय सीमा से 486 गुना अधिक पाई गई, जो बच्चों के लिए घातक है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, केमिकल 25 मार्च 2025 को चेन्नई की सनराइज बायोटेक से खरीदा गया था। कंपनी ने न शुद्धता जांची और न ही जहरीले तत्वों की मात्रा का परीक्षण किया। इसके अलावा दस्तावेज छिपाने का प्रयास भी किया गया।
SIT ने श्रीसन फार्मा से कोल्ड्रिफ सिरप के बैच SR-13 की 589 बॉटलें जब्त कीं, जो छिंदवाड़ा भेजी जानी थीं। इन बॉटलों की सेवन से बच्चों की किडनी फेल और ब्रेन में सूजन आई। कंपनी से अन्य 4 सिरप भी जब्त किए गए, जिनमें रेस्पोलाइट डी, रेस्पोलाइट जीएल, रेस्पोलाइट एसटी और हेपसंडिन शामिल हैं; ये स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए गए।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि नॉन फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल का इस्तेमाल बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। रंगनाथन की गिरफ्तारी से अब मामले की तह तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।