छत्तीसगढ़

Rairgarh: संविधान निर्माता बाबा साहब की 121वीं जयंती, शहर के अंबेडकर चौक पर आयोजन, शहर में दिनभर से चल रहा समाजिक कार्यक्रम

नितिन@रायगढ़। संविधान निर्माता के तौर पर प्रसिद्ध बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती देश भर में हर साल 14 अप्रैल के दिन मनाई जाती है। बाबा साहेब की जयंती को पूरे देश में लोग उत्साह पूर्वक मनाते हैं।

इस क्रम में आज शहर में कई जगहों पर डॉ साहब की जयंती अलग-अलग तरीके से मनाई गई। प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यालयों के अलावा चौक चौराहों में भी विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए। परन्तु डॉ अंबेडकर चौक में बाबा साहब की जयंती बिल्कुल अनूठे अंदाज में मनाई गई।

यहां विभिन्न समाज से जुड़े गणमान्य लोगों के अलावा समाजिक कार्यकर्ता और जन प्रतिनिधि भी उपस्थित हुए। इसके पहले शाम बजे 5 बजे शहर के रामलीला मैदान से विभिन्न चौक -चौराहों से होते हुए एक विशाल रैली अर्थात शोभा यात्रा निकाली गई। रैली बाबा साहब अंबेडकर चौक पहुंच कर खत्म हुई।

Mungeli: दो बाइक की आपस में भिड़ंत, 5 घायलों को 108 की मदद से पहुंचाया गया हॉस्पिटल

यहां बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। रंग-बिरंगी लाइट्स से चौक पर लगी बाबा साहब की मूर्ति को प्रकाशित किया गया। वही आयोजन स्थल पर उपस्थित लोगों ने बाबा साहब की जयंती पर उनके प्रति अपने विचार व्यक्त किये।

महापौर जानकी अमृत काटजू भी कार्यक्रम में हुई उपस्थित

महापौर जानकी अमृत काटजू भी कार्यक्रम में उपस्थित हुई। उंन्होने बताया कि देश और समाज के लिए  बाबा साहब के द्वारा की गई उत्कृष्ठ सेवा को ध्यान में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। उनका पूरा जीवन संघर्षरत रहा है। उन्होंने भारत की आजादी के बाद देश के संविधान के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया था। बाबा साहेब ने कमजोर और पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया था। आज के दिन उन्हें और उनके महान कृत्यों को याद कर पूरा देश बाबा साहब की 121 वीं जयंती मना रहा है।

शहर में बाबा साहब की 121 जयंती पूरे हर्षो उल्लास के साथ मनाई गई

कार्यक्रम में उपस्थित युवा समाज सेवक बानू खूंटे ने कहा कि आज हमारे शहर में बाबा साहब की 121 जयंती पूरे हर्षो उल्लास के साथ मनाई जा रही है। डॉ. अंबेडकर सामाजिक नव-जागरण के अग्रदूत और समतामूलक समाज के निर्माणकर्ता थे। अंबेडकर समाज के कमजोर, मजदूर, महिलाओं आदि को शिक्षा के जरिए सशक्त बनाना चाहते थे। इस लिए डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती को भारत देश में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। वही प्रगति शील सतनामी समाज के युवा सदस्य प्रदीप श्रृंगी ने भी मीडिया के समक्ष कार्यक्रम के रूप रेखा की जानकारी  साझा की । उन्होंने बताया कि कोविड महामारी की वजह से बाबा साहब की जयंती का उत्शव पूरे दो साल बाद मनाया जा रहा है। इस वजह से भी लोग काफी उत्साहित है।

Related Articles

Back to top button