रायपुर

Raipur: एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, रायपुर में की गई दुर्लभ पल्मोनरी एंडार्टेक्टॉमी कार्डिएक सर्जरी


 रायपुर (Raipur) 48 वर्षीय मुकेश बीते 5 वर्षों से सांस फूलने की समस्या से जूझ रहे थे, वे 100 मीटर की दूरी तक भी चल पाने में असमर्थ थे। एनएचएमएमआई अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सुनील गोनियाल द्वारा उनके केस को देखा गया और उन्हें गंभीर पल्मोनरी हाइपरटेंशन के साथ क्रोनिक पल्मोनरी थ्रोम्बो एम्बोलिज़्म डायग्नोज़ हुआ। यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें फेफड़ों की धमनियां क्लॉट्स के कारण ब्लॉक हो गईं थीं। इस स्थिति का उपचार एक जटिल प्रक्रिया है जिसे पल्मोनरी एंडाटेरेक्टॉमी कहा जाता है। यह जटिल सर्जरी देश और दुनिया के कुछ ही केन्द्रों पर की जाती है।

यह सर्जरी एनएचएमएमआई अस्पताल डॉक्टर हरि कुमार, सीनियर कार्डियक सर्जन और सीटीवीएस टीम ने मिलकर की जिसमें डॉक्टर अरुण अंडाप्पन, सीनियर कार्डियक एनेस्थेटिस्ट, डॉक्टर तेज कुमार वर्मा, कार्डियक सर्जन और अश्वनी कुमार, पर्फ्यूशनिस्ट शामिल थे। मरीज़ की हालत में सुधार आने लगा, उसके लक्षण कम होने लगे और 8वें दिन उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. हरि कुमार कहते हैं कि यह प्रक्रिया एक कृत्रिम हृदय फेफड़े की मशीन की मदद से की गई जिसमें रोगी के तापमान को 18 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया जाता है और हाइपोथर्मिक सर्कुलेटरी अरेस्ट के तहत फेफड़ों में धमनियां खुल जाती हैं और थक्के निकल जाते हैं। छत्तीसगढ़ के रायपुर में पल्मोनरी एंडेटेरेक्टॉमी का पहला सफल मामला किया गया ।

एनएचएमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल रायपुर के फैसिलिटी निदेशक श्री नवीन शर्मा ने कहा, अब एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इस तरह की सर्जरी की जाती है जो बहुत दुर्लभ है। एनएच एमएमआई नारायणा को छत्तीसगढ़ के एक विश्वसनीय हृदय केंद्र के रूप में जाना जाता है, अब हमने छत्तीसगढ़ के लोगों की अधिक सेवा करने के लिए अपने नैदानिक​दक्षता को बढ़ाया है। उन्होंने इस सफल सर्जरी के लिए पूरी कार्डियक साइंसेज टीम को भी बधाई दी।

Related Articles

Back to top button