Raipur: ‘रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ के रूप में विकसित हो रहे छत्तीसगढ़ के गौठान, 91.11 करोड़ रूपए के वर्मी कंपोस्ट की बिक्री

रायपुर। गौठानों में वर्मी कंपोस्ट सहित अन्य गतिविधियों में संलग्न 11 हजार 477 स्वसहायता समूहों की 77 हजार 77 महिलाओं ने अब तक 51.36 करोड़ रुपए की आय अर्जित की है, जो ग्रामीण महिलाओं द्वारा अपनी लगन और मेहनत से हासिल की गई एक बड़ी उपलब्धि है।
ग्रामीणों को रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए गौठानों में 152 तेल पिराई मिल और 173 दाल मिल इकाईयों की स्थापना की जा रही है। चुनिंदा गौठानों में गोबर से बिजली बनाने की शुरूआत हो चुकी है। नवाचार के अंतर्गत गोबर से पेंट बनाने के उद्यम की शुरुआत के लिए एमओयू किया गया है।
गौठानों में रोजगार से ग्रामीणों और महिलाओं को जोड़ने नये-नये उपक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। रायपुर और दुर्ग के 10 गौठानों में जैविक गुलाल और पूजन सामग्री के उत्पादन के लिए एमओयू किया गया है। इस परियोजना में 150 महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाएं एक वर्ष में लगभग साढ़े तीन करोड़ रूपए के जैविक गुलाल और पूजन सामग्री का उत्पादन करेंगी।
महिलाओं को पारिश्रमिक के अलावा उत्पादों की बिक्री की आय से 5 प्रतिशत लाभांश भी दिया जाएगा। गौठानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक पदार्थों से निर्मित उत्पादों के मानकीकरण और विपणन के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से अर्थ ब्रांड लॉन्च किया गया है। इस ब्रांड से 4 उत्पादों स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार साबुन, एसेंशियल आयल, इम्युनिटी टी, ऑर्गेनिक गुलाल की बिक्री की जाएगी। इन उत्पादों के उत्पादन में संलग्न 230 गौठानों की 2123 महिलाएं लाभान्वित होंगी।