Janjgir: इस मंदिर की अनोखी है दास्तां, मुरादें पूरी होंने पर यहां चढ़ाया जाता है ध्वज जानिए इस मंदिर की रोचक कहानी…

जांजगीर – चाम्पा : नगर में रामनवमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. डभरा स्थित भगवान चक्रधारी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर डभरा स्थित भगवान चक्रधारी मंदिर जहां की मूर्ति अतिप्राचीन है.
भगवान चक्रधारी अर्थात विष्णु की मूर्ति सन् 1947 में एक किसान जब खेत की जोताई कर रहा था. इसी दौरान उसके हल की नुकीली भाग जब भगवान की मूर्ति पर लगी तो उसे एहसास हुआ कि कोई पत्थर है और जब किसान ने देखा तो वहां पर भगवान विष्णु की मूर्ति दिखाई दी. इसके बाद किसान और नगर के लोगों ने मिलकर भगवान की भव्य मंदिर का निर्माण कराया. उस समय से लोगों की श्रद्धा भगवान चक्रधारी की प्रति बढ़ गई.
इसके बाद रामनवमी के दिन से 7 दिन तक का यहां मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. यहां कि मान्यता ऐसी है कि कोई भी भगवान चक्रधारी से मन्नत मांगते हैं और वह मन्नत जब पूरी हो जाती है तब लोग ध्वजा चढ़ाने आते हैं और वहां से वापस लोटकर आते हैं.
बता दें कि इस अति प्राचीन मूर्ति के लिए पुरातत्व विभाग और सांस्कृतिक विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं की जा रही है. शासन-प्रशासन की इस उदासीनता के कारण यह मंदिर अपनी अस्तित्व के लिए लड़ रहा है.