रायगढ़क्राईमछत्तीसगढ़

Raigarh: ग्रामीण डाक सेवक भर्ती फर्जीवाड़े का खुलासा…7 ठग पहुंचे सलाखों के पीछे…

नितिन@रायगढ़। डाक विभाग द्वारा ग्रामीण डाक सेवक भर्ती के माध्यम से शाखा डाकपाल एवं सहायक शाखा डाकपाल की भर्ती ली गई है. भर्ती कक्षा दसवीं में प्राप्त नम्बरों के आधार पर किया गया।

जिसमें कुछ अभ्यर्थियों के द्वारा जालसाजों से मिलकर फर्जी सर्टिफिकेट देकर अवैधानिक तरीके से नौकरी हासिल करने की जानकारी विभाग को मिली। डाक विभाग के द्वारा अभ्यार्थीयों के अंकसूची के सत्यापन पर मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद डाक अधीक्षक रायगढ ने सिटी कोतवाली प्रभारी रायगढ़ को लिखित आवेदन देकर अभ्यर्थी स्वाति कंवर के द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की शिकायत प्रस्तुत की ।

इस बात की जानकारी थाना प्रभारी कोतवाली मनीष नागर ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले एवं नगर पुलिस अधीक्षक दीपक मिश्रा को दी । मामले की गंभीरता को देखते हुए एस पी अभिषेक मीना तथा एडिशनल एसपी लखन पटले द्वारा थाना प्रभारी कोतवाली मामले की तह तक जांच करने के निर्देश दिए । नगर पुलिस अधीक्षक दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन पर मामले की जांच करते हुए निरीक्षक मनीष नागर, उप निरीक्षक बी.एस. डहरिया, आर.एस.तिवारी तथा सहायक उप निरीक्षक उदयभान सिंह अभ्यार्थीयों से बारीकीह से पूछताछ किया गया जिसमें अभ्यर्थियों को नौकरी लगाने का प्रलोभन देने रूपयों की वसूली करने वाले से लेकर अभ्यर्थियों को फर्जी अंकसूची दिलाने वाले गिरोह की जानकारी मिली ।

मुख्य सरगना समेत 7 आरोपियों को पुलिस अलग-अलग स्थानों से हिरासत में लिया

नगर निरीक्षक मनीष नागर तत्काल जानकारी एसपी एवं एएसपी को अवगत कराये । पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर टीआई मनीष नागर एवं विवेचकों की अलग-अलग टीमें बनाकर कल रात ही टीमें रायपुर, बिलासपुर, सक्ती, जांजगीर-चांपा रवाना किया गया। आज सुबह गिरोह के मुख्य सरगना हीरालाल गबेल समेत 7 आरोपियों को पुलिस अलग-अलग स्थानों से हिरासत में लिया गया। जिनसे ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में फर्जीवाड़ा के संबंध में पूछताछ करने में पर आरोपीगण फर्जीवाड़े में अपनी अपनी भूमिका बताएं ।

सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती कराने का प्रलोभन

आरोपिया स्वाति कंवर निवासी खमरिया बिलासपुर बताई की डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में भर्ती के लिए उसके पिता वीरेंद्र सिंह तथा जीजा लखेश्वर सिंह दलाल संजय शर्मा निवासी सीपत बिलासपुर के माध्यम से हीरालाल गबेल के संपर्क में आए। दलाल संजय शर्मा किसी भी भर्ती में सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती कराने का प्रलोभन दिया । हीरालाल गवेल जो कि पूर्व में आपेन स्कूल का अध्यक्ष था, अपने पास रखे सील, मुहर का गलत इस्तेमाल करता था। आरोपी हीरालाल गबेल वर्ष 2005 में जाली नोट मामले जेल की हवा खा चुका है । गिरोह में शामिल मालखरोदा जांजगीर चांपा का योगेंद्र धीरहे का कंप्यूटर सेंटर है, जहां फर्जी मार्कशीट तैयार किया जाता था । हीरालाल गबेल, योगेंद्र धीरहे तथा संजय शर्मा मिलकर अभ्यर्थियों से संपर्क करते थे और उन्हें किसी भी तरीके से नौकरी लगाने का प्रलोभन देकर रुपए ऐंठा करते थे । कुमारी स्वाति कंवर के अलावा कृष्ण कुमार साहू निवासी सरसींवा जिला बलौदाबाजार भी इनके जालसाजी को जानते हुए भर्ती के लिए इन्हें रकम दिया था । कुमारी स्वाति कंवर, उसका जीजा लखेश्वर सिंह कंवर तथा कृष्ण कुमार साहू नौकरी हासिल कर चुके थे । हिरासत में लिये गये आरोपियों से बारीकी से पूछताछ में आरोपी बताएं कि डाक विभाग के बाद ये सी जी पी एस सी, व्यापम जैसी भर्तियों में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के संपर्क में थे। मोटी रकम के एवज में उन्हें अच्छा मार्कशीट (फर्जी)उपलब्ध कराकर कई विभागों में नौकरी लगाने का प्रलोभन दिये थे । गिरोह का एक आरोपी भोजराम सिदार फरार है, जिसके गिरफ्तारी के बाद मामले में कुछ और आरोपियों के नामों का खुलासा हो सकता है ।

पुलिस ने आरोपियों को भेजा जेल

वहीं पुलिस ने आरोपी हीरालाल गबेल से एक स्वीफ्ट कार, स्कूल की सील, मुहर, आरोपी संजय शर्मा से एक ब्रेजा कार, आरोपी योगेन्द्र धीरहे के कंप्यूटर दुकान से फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने में प्रयुक्त एक लैपटॉप, एक कंप्यूटर, कलर प्रिंटर, सीपीयू एवं स्कैनर फोटोकॉपी मशीन एवं आरोपियों के कब्जे से नकद 15,000 रूपये, 3 मोबाइल, रजिस्टर जप्तकिया है  आरोपियों को थाना कोतवाली के अप.क्र. 954/2022 धारा 420,467,468,471,34 IPC में गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

Related Articles

Back to top button