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छत्तीसगढ़ में महिलाओं को फिर सौंपा गया रेडी टू ईट निर्माण कार्य, रायगढ़ से हुई शुरुआत

रायगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार ने रेडी टू ईट (Ready to Eat) निर्माण एवं वितरण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंप दिया है। इस निर्णय को लेकर राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा कर दिया है। इस पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से की गई, जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 10 महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे।

अब महिला समूहों द्वारा रेडी टू ईट पोषण आहार का किया जाएगा वितरण

इस योजना के तहत रायगढ़ के सभी 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों में अब महिला समूहों द्वारा रेडी टू ईट पोषण आहार का निर्माण और वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह न केवल बच्चों के पोषण में सहायक होगी, बल्कि महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का भी माध्यम बनेगी।

उन्होंने बताया कि यह योजना प्रारंभिक रूप से छह जिलों में लागू की जा रही है और रायगढ़ पहला जिला बना है जहां यह काम शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी जैसे कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी, महतारी वंदन योजना, तेंदूपत्ता दर वृद्धि, रामलला दर्शन योजना जैसी योजनाएं पहले ही धरातल पर उतर चुकी हैं।

1460 पंचायतों में बैंकिंग सेवाएं शुरू की गई

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से राज्य की 1460 पंचायतों में बैंकिंग सेवाएं शुरू की गई हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं को सुविधा मिली है। वहीं, आगामी समय में सभी पंचायतों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री के लक्ष्य तीन करोड़ “लखपति दीदी” की दिशा में कार्य कर रही है और रेडी टू ईट योजना इस लक्ष्य को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने महिला समूहों से गुणवत्ता बनाए रखने और इस योजना को राज्य में एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने का आह्वान किया।

इस योजना के अंतर्गत महिला समूहों को रेडी टू ईट यूनिट स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज (PMFME) योजना से सहायता प्रदान की जाएगी। रायगढ़ जिले की सभी परियोजनाओं – रायगढ़ शहरी, ग्रामीण, खरसिया, धरमजयगढ़ आदि – में महिला समूहों को चयनित किया गया है।

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