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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता: CM साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और संतुलित बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों और शालाओं के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता से लागू करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग की समीक्षा रिपोर्ट में सामने आया कि राज्य में 211 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र नहीं हैं लेकिन शिक्षक पदस्थ हैं, जिससे संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है।

सरगुजा के बतौली विकासखंड की प्राथमिक शाला साजाभवना और हर्राटिकरा स्कूल इसके उदाहरण हैं, जहां छात्र संख्या शून्य है, फिर भी शिक्षक तैनात हैं। वहीं, कई दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के कुंवारपुर विद्यालय में विषयवार शिक्षकों के अभाव में 12वीं का परीक्षा परिणाम मात्र 40.68% रहा।

मुख्यमंत्री ने शिक्षक नियुक्तियों की मांग पर गंभीरता दिखाते हुए स्पष्ट किया कि शिक्षक वहीं तैनात किए जाएंगे जहां छात्र मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार केवल भवन या किताबों से नहीं, बल्कि शिक्षक-छात्र के सटीक समन्वय से संभव है। शिक्षाविदों ने इसे समयानुकूल और आवश्यक कदम बताया है। पारदर्शी और डेटा आधारित इस प्रक्रिया से शिक्षा व्यवस्था अधिक संतुलित और प्रभावी बनेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी गई है। यह निर्णय न केवल व्यवस्थागत सुधार है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक मजबूत शिक्षा नींव की स्थापना है।

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