रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को त्वरित राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रभावित परिवार को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में ठहरे सभी लोगों को भोजन, चिकित्सा और आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित गांवों तक सहायता तुरंत पहुँचे और आपदा नियंत्रण कक्ष से लगातार स्थिति की निगरानी की जाए।
लगातार बारिश से इन जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 26 और 27 अगस्त को सबसे ज्यादा वर्षा दंतेवाड़ा जिले में दर्ज हुई, जहाँ क्रमशः 93.7 मिमी और 118.4 मिमी बारिश हुई। सुकमा में 35 से 109.3 मिमी, बीजापुर में 34.9 से 50.2 मिमी और बस्तर में 67.3 से 121.3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके चलते 25 गाँव प्रभावित हुए हैं।
राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि चारों जिलों में 43 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 2,196 लोग ठहराए गए हैं। इनमें दंतेवाड़ा से 1,116, सुकमा से 790, बीजापुर से 120 और बस्तर से 170 लोग शामिल हैं। अब तक 5 लोगों की मौत, 17 पशुधन की हानि और 251 मकानों को नुकसान की जानकारी मिली है। राहत कार्य में नगर सेना और SDRF की टीम लगी हुई है।
मुख्यमंत्री ने जनहानि पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता राशि दी जाएगी और पुनर्वास कार्य प्राथमिकता पर होगा। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी स्थिति में स्थानीय नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।