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रामलला दर्शन योजना को लेकर हाईकोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका, बताया धर्म निरपेक्षता सिद्धांत के खिलाफ

हृदेश केसरी@बिलासपुर। याचिका में सरकार की योजना को संविधान के धर्म निरपेक्षता सिद्धांत के खिलाफ बताया गया है। मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। दरअसल, राज्य शासन की ओर से छत्तीसगढ़वासियों के लिए रामलला के दर्शन की योजना शुरू की है, जिसमें लोगों को अयोध्याधाम लेकर रामलला के दर्शन कराकरऔर वापस लाया जाता है। बिलासपुर जिले के देवरीखुर्द निवासी याचिकाकर्ता लखन सुबोध ने इसे संविधान में दिए गए प्रविधानों के खिलाफ बताते हुए
इस योजना को बंद करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। रामलला दर्शन योजना संविधान में निहित बातों और शर्तों के विपरीत है। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता पर तर्क देते हुए योजना को बंद करने के लिए राज्य शासन को आदेशित करने का आग्रह किया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई।

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