Bilaspur : सत्या पावर और इस्पात प्लांट के विस्तार को लेकर जनसुनवाई महज औपचारिकता में संपन्न, कई जनप्रतिनिधियों के जनसुनवाई से दूरी बनाने को लेकर नेताओं ने उठाए सवाल
बिलासपुर । बिलासपुर में करोड़ों रुपए के पावर और इस्पात उद्योग के विस्तार के लिए जनसुनवाई तो रखी गई लेकिन यह महज औपचारिकताओं में पूरा कर लिया गया। इस दौरान स्थानीय नेताओं की नाराजगी इतने चरम पर थी कि उन्होंने ना सिर्फ उद्योगपति और जिला प्रशासन पर आरोप लगा है बल्कि एक दूसरे पर भी आरोप प्रत्यारोप करने से गुरेज नहीं की। जनसुनवाई से क्षेत्र के विधायक गायब रहे वहीं कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के आंदोलन प्रभारी ने इस पूरे जनसुनवाई को 30 लाख रुपए में आयोजित होने का आरोप लगाया।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर बेलतरा विधानसभा में सत्या पावर व इस्पात प्लांट के विस्तार को लेकर गतौरी गांव में जन सुनवाई रखी गई। बड़े ही नाटकीय ढंग से जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जन सुनवाई पूरी की गई। कड़ी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बीच जनसुनवाई संपन्न हुई। क्षेत्र का विकास हीं होने और पर्यावरण नियमों का उल्लंघन की दुहाई देने वाले जनप्रतिनिधि उद्योग के विस्तार को सहमति देते दिखे। इस दौरान कांग्रेस पार्टी से जुड़े कुछ नेताओं ने बेलतरा क्षेत्र के विधायक की अनुपस्थिति कौन की मौन स्वीकृति करार देते हुए गंभीर आरोप लगाया। वही आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप अग्रवाल ने उद्योगपति को लाखों खर्च कर सब कुछ मैनेज करने का आरोप मढ़ दिया हालांकि इसको लेकर उद्योगपति शिखर अग्रवाल ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। जनसुनवाई इतने नाटकीय ढंग से हुई कि जो ग्रामीण व क्षेत्रीय नेता विकास का मुद्दा उठाकर कुछ दिनों से विरोध करते नजर आ रहे थे। उन्होंने अपना पाला कुछ मांगों को पूरे की बात कहकर, उद्योग के विस्तार की सहमति के रूप में बदल डाला।
छत्तीसगढ़ में उद्योगों के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने अनुकूल माहौल बना रखा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से सत्या पावर प्लांट और इस्पात उद्योग के उद्योगपतियों को विशेष सुविधा प्रदान की गई है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और जन सुनवाई के दौरान एडीएम आर. ए. कुरबंसी ने जन सुनवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस जनसुनवाई में तकरीबन 50% लोगों ने नाराजगी जताई है और उद्योग लगाने का विरोध किया है।
जन सुनवाई को लेकर आम आदमी पार्टी के आंदोलन प्रभारी दिलीप अग्रवाल और उद्योगपति शिखर अग्रवाल ने एक दूसरे के बयानों का खंडन किया है जहां आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप अग्रवाल ने जनसुनवाई को पैसे के माध्यम से व्यवस्थित और सेट होने का आरोप लगाया है वहीं दूसरी तरफ उद्योगपति ने ऐसे किसी भी स्थिति से साफ इंकार किया है।