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Marwahi: इन्हें प्रशासन का नहीं है डर! अन्तर्राज्यीय स्तर पर रेत और खनिज तस्करी का काला कारोबार बदस्तूर जारी, अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

बिपत सारथी@मरवाही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश में रेत और खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने की सख्त हिदायत देते हुये ऐसा होने पर कलेक्टर और एसपी को जिम्मेदार ठहराया है। जिसके बाद कार्यवाहियों की खानापूर्ति तो हुई पर गौरेला पेंड्रा मरवाही में न केवल जिला स्तर पर बल्कि अन्तर्राज्यीय स्तर पर रेत और खनिज तस्करी का काला कारोबार अभी भी बदस्तूर जारी है। तस्वीरों में आप खुद ही देखिये कि बिलासपुर जिले के केंदा और जावस इलाके के साथ ही गौरेला के खोडरी इलाके से किस तरह रेत के ये वाहन इस जिले की करीब 70 किलोमीटर की सीमाओं को बेरोक टोक पार करते हुये मध्यप्रदेश के अनूपपुर और डिंडौरी जिले को जा रहे हैं।

इतना ही नहीं खुलेआम गौरेला शहर की सीमा से गुजरते हुए इन वाहनों को न तो खनिज विभाग, न राजस्व, न ही वन और न ही पुलिस प्रशासन का कोई भी अधिकारी कर्मचारी रोकने टोकने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। इन सबकी सांठगांठ और मौन सहमति से रेत का काला कारोबार अब भी जारी है। खनिज विभाग और पुलिस की टीम ने ट्रैक्टर और कुछ वाहनों को जब्त करने की कार्यवाही खानापूर्ति तो किया पर इन अन्तर्राज्यीज माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध हो रही है।

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इस बारे में जिला खनिज अधिकारी से प्रतिक्रिया लेनी चाही गयी। तो वे जानकारी नहीं होने की बात कहकर बचते नजर आये। जबकि इनके संरक्षण में ही अन्तर्राज्यीय खनिज कारोबार जारी होने की शिकायतें हैं। इस मामले में मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी ने कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपते हुये रेत के छोटे कारोबारियों और ट्रैक्टर चालकों को परेशान करने और बड़े कारोबारियों को संरक्षण का आरोप लगाते हुए रेत की किल्लतों और कालाबाजारियों से भी अवगत कराते हुए इसके निराकरण कराये जाने की मांग की है।

वहीं पुलिस अधिकारी कार्यवाही करने की बात तो कह रहे हैं। पर खुलेआम गौरेला से करंगरा, धनौली और कबीर के रास्ते अमरकंटक और मध्यप्रदेश जा रहे वाहन इनकी कथनी और करनी में अंतर तो बतला ही रहे है प्रदेश के मुखिया के निर्देशों के बावजूद खनिज तस्करी पर कार्यवाही मे भेदभाव को बतला रहे हैं।

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