छत्तीसगढ़महासमुंद

शिक्षकों की कमी से जूझ रहा प्राथमिक शाला, प्रमोशन में आए शिक्षक भी स्कूल से रहते है नदारद, कैसे संवरेगा नौनिहालों का भविष्य

महासमुंद। शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार नए-नए जतन कर रही है ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके लेकिन इन बच्चों की पढ़ाई शिक्षकों की एवं क्लास रूम की कमी के चलते ठप्प हो रही है ।

महासमुंद जिले के उड़ीसा सीमा से लगे बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम परकोम में स्थित प्राथमिक शाला में पहली से पांचवी तक के 85 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक स्कूल में मौजूद रहते है। हालांकि इस स्कूल में प्रधान पाठक के रूप में प्रमोशन में आए शिक्षक ने अब तक एक क्लास भी नहीं ली है।

गौरतलब है कि इन प्रधानपाठक को संकुल समन्वयक का भी प्रभार प्राप्त है जिसकी वजह से ये शिक्षक ऑफिस कार्य का बहाना बनाकर स्कूल से अधिकतर नदारद ही रहते है । स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो ऐसी सोच के साथ गांव के ही यज्ञ दत्त दीवान एवं उदय लाल चंद्रवंशी बीते 12 सालों से अपने ही गांव के स्कूल में शिक्षादान कर बच्चों के भविष्य को संवारने में लगे है ।

राज्य के अंतिम छोर पर स्थित परकोम गांव के प्राथमिक शाला का निर्माण 1948 में कराया गया था। बिल्डिंग जर्जर होने के कारण स्कूल की पांच कक्षाएं 2 कमरों में संचालित हो रही है। अब देखना ये होगा की आखिर प्राथमिक शाला परकोम के 85 बच्चे 2 कमरे में 1 शिक्षक के भरोसे कैसे अपना भविष्य गढ़ने में कामयाब हो पाएंगे ।

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