छत्तीसगढ़सरगुजा-अंबिकापुर

परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोयला खदान फिर से शुरू करने की मांग, सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्टर से की मुलाकात

शिव शंकर साहनी@सरगुजा। जिले के उदयपुर विकासखंड के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने सरगुजा कलेक्टर से मुलाकात कर परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोयला खदान को पुनः शुरू किए जाने की मांग की है.

दरअसल सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खंड में हसदेव अरण्य जंगल की कटाई बीते दिनों अडानी कंपनी के द्वारा कॉल खनन को लेकर की गई. इसके विरोध में कई समाजसेवी संस्था सहित कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व डिप्टी टीएस सिंह देव सहित सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता पेड़ों की कटाई और ग्रामीणों के साथ समर्थन में नजर आए थे. वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का एक तपका यह भी चाह रहा है कि परसा ईस्ट एवं केते बासेन कॉल खदान को पुनः शुरू किया जाए। जिससे की यहां के ग्रामीणों को रोजगार मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। अभी हमें किसी भी तरीके से रोजगार नहीं मिल पाने से काफी परेशान है। इधर सरगुजा कलेक्टर ने कहा कि कॉल खदान को लेकर ग्रामीणों ने आवेदन दिया है. जिसकी जांचकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है की सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील में पिछले 10 सालों से परसा ईस्ट कांता बासन कोयला खदान का संचालन किया जा रहा है. इस खदान के संचालन होने से खदान प्रभावित परिवारों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का जीवन यापन होता है. ग्रामीणों का कहना था कि वर्तमान में परसा ईस्ट कोयला खदान में खनन से जुड़े काम जमीन उपलब्ध ना होने के कारण खदान बंद होने के कगार पर है. बीते कुछ समय से खदान से बड़ी मशीनों को निकाला जा रहा है साथ ही खदान में काम करने वाले मजदूरों को भी बाहर निकाला जा रहा है. ऐसे में अब इलाके में रोजगार का संकट पैदा हो गया है.

ग्रामीण खदान को निर्बाध रूप से चलाने के लिए कई बार कर चुके है आंदोलन

गौरतलब है की ग्रामीण खदान को निर्बाध रूप से चलने के लिय कई बार आंदोलन कर जिले के कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप चुके है. यही नहीं ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने तीन महीने पहले 21 अप्रैल 2023 के साथ साथ 24 अगस्त, 14 जून और 2 जून 2022 को भी राहुल गांधी और प्रदेश के मुखिया को पत्र लिखकर पीईकेबी खदान के सुचारु रूप से संचालन के लिए अनुरोध किया था.

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