नैनीताल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार सुबह नैनीताल पहुंचीं और प्रसिद्ध बाबा नीम करौली के कैंची धाम में दर्शन किए। यह पहला मौका है जब देश की किसी राष्ट्रपति ने कैंची धाम में मत्था टेका। राष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर मंदिर को सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया।
इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने शक्तिपीठ मां नयना देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की और देश की सुख-शांति व समृद्धि की कामना की। पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एसएसपी नैनीताल ने क्षेत्र को रेड जोन घोषित करते हुए 1500 से अधिक जवानों को सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात किया है।
कैंची धाम के दर्शन के बाद राष्ट्रपति कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। वे 20 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी। विश्वविद्यालय ने इस वर्ष अपना 51वां स्थापना वर्ष पूरा किया है और यह पहला अवसर है जब देश की प्रथम नागरिक दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगी।
सोमवार शाम राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर हल्द्वानी आर्मी हेलीपैड पर उतरा, जहां राज्यपाल गुरमीत सिंह, मंत्री धन सिंह रावत और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे राजभवन नैनीताल गईं और वहां आयोजित 125वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुईं।
कार्यक्रम में उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं पर आधारित प्रस्तुतियां दी गईं। राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे राष्ट्रपति भवन गणराज्य का प्रतीक है, वैसे ही राज्यों के राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रतीक हैं। उन्होंने राज्यपाल कार्यालय से जुड़े अधिकारियों को सरलता, विनम्रता और नैतिकता का पालन करने की प्रेरणा दी और राज्य की प्रगति की सराहना की।
