कोल्ड्रिफ सिरप मामले में कार्रवाई की तैयारी, 14 बच्चों की मौत, तीन राज्यों में दवा बैन

तमिलनाडु। श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की कांचीपुरम यूनिट में बनी कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6% डाईथाइलीन ग्लाइकोल (DEG) मिलने का खुलासा हुआ है।
यह जहरीला रसायन बच्चों की किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। इस बैच से मध्यप्रदेश में 27 दिन में 14 बच्चों की मौत हुई, जिनकी उम्र 1 से 5 साल के बीच थी। इसके बाद मध्यप्रदेश, केरल और तमिलनाडु में इस सिरप पर बैन लगा दिया गया।
नॉट फॉर स्टैंडर्ड की रिपोर्ट
तमिलनाडु के ड्रग डिपार्टमेंट ने जांच में पाया कि सिरप में नॉन-फार्माकोपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकोल का इस्तेमाल हुआ, जो संभवतः DEG और एथिलीन ग्लाइकोल से दूषित था। चेन्नई ड्रग टेस्टिंग लैब की रिपोर्ट में यह बैच ‘Not of Standard Quality’ पाया गया। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने सिरप की बिक्री और वितरण पर रोक, सभी स्टॉक फ्रीज करने और स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर जारी कर दिया। मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल करने के लिए कंपनी को शो-कॉज नोटिस भी भेजा गया।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में मौतें
एमपी के छिंदवाड़ा में पहला मामला 24 अगस्त को सामने आया। 7 सितंबर से 15 दिनों में छह और बच्चों की मौत हुई। राजस्थान में भरतपुर और सीकर में अन्य कफ सिरप के सेवन से तीन मौतें हुईं। राजस्थान सरकार ने केसंस फार्मा की 19 दवाओं पर रोक लगाई और ड्रग कंट्रोलर को निलंबित किया।
सावधानी और एडवाइजरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने से मना किया है। DGHS ने कहा कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को भी सिरप सावधानीपूर्वक और निर्धारित खुराक में ही देना चाहिए।
इस घटना ने देश में बच्चों की सुरक्षा और दवा गुणवत्ता पर चिंता बढ़ा दी है। CDSCO अब तमिलनाडु के FDA को लिखकर कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है।