रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डिप्टी सीएम अरुण साव पर आरोप लगाया कि वे ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भ्रम फैला रहे हैं।
बघेल के आरोपों पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में अनारक्षित 13 जिला पंचायतों में से 12 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 9 ओबीसी अध्यक्ष और 8 ओबीसी उपाध्यक्ष बने हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता रही है कि ओबीसी को सम्मान मिले, और साय सरकार ने यह कर के दिखाया है।
साथ ही, कर्नाटक में धर्म आधारित आरक्षण पर भी अरुण साव ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संविधान की किताब लेकर घूम रहे थे, जबकि संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव करना मना है। डिप्टी सीएम ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण और देश को विभाजित करने का आरोप लगाया। इसके अलावा, बस्तर विधायक दीपक बैज के बयानों पर भी अरुण साव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दीपक बैज की राजनीति अब समाप्त हो चुकी है और बस्तर की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इन बयानों से यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण और सांस्कृतिक मुद्दों पर सियासत गर्मा गई है, जो आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकती है।