मुर्शिदाबाद हिंसा पर मचा सियासी घमासान: धीरेंद्र शास्त्री बोले- ‘हिंदू डरे हुए हैं, भागेंगे’

मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में फैली हिंसा ने अब सियासी रंग ले लिया है। मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा, “हिंदू डरे हुए हैं, अगर ऐसा ही चलता रहा तो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से भी पलायन होगा।” राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद है। मुर्शिदाबाद, जंगीपुर, मालदा और बीरभूम के कुछ क्षेत्रों में 15 अप्रैल रात 10 बजे तक इंटरनेट बैन रहेगा।

हिंदू परिवारों का पलायन और भय का माहौल

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह हिंसा एक साजिश के तहत की जा रही है और हिंदुओं के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की। दूसरी ओर, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि कई हिंदू परिवार पलायन कर रहे हैं और पड़ोसी जिलों में शरण ले रहे हैं। सुवेंदु ने लिखा कि जिनके पास भागने की सुविधा नहीं है, वे मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके अनुसार, कुछ लोगों के पीने के पानी के कुओं को भी जहरीला कर दिया गया है और उनके घरों को लूटकर तोड़ा गया है।

नमाज के बाद भड़की हिंसा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 11 अप्रैल से ‘वक्फ बचाओ अभियान’ शुरू किया था। उसी दिन जुमे की नमाज के बाद मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और मालदा जिलों में हिंसा भड़क उठी। भीड़ ने सरकारी वाहनों में आग लगाई, दुकानों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पथराव किया।

तीन की पीट-पीटकर हत्या, 150 गिरफ्तार

हिंसक भीड़ ने हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और अब तक 150 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं।

NIA जांच और राष्ट्रपति शासन की मांग

सुवेंदु अधिकारी ने इस हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी अपील की है। उनका कहना है कि बंगाल में निष्पक्ष चुनाव तभी हो सकते हैं जब राष्ट्रपति शासन लागू हो। तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने हिंसा के पीछे भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों की साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर झूठी तस्वीरें फैलाकर जनता को भड़काया गया। स्थिति फिलहाल शांत बताई जा रही है, लेकिन तनाव और राजनीतिक बयानबाजी से यह साफ है कि यह मामला अब केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं रहा।

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