SIR पर बढ़ा सियासी विवाद: केरल-तमिलनाडु के CM ने बताया लोकतंत्र के लिए खतरा, MP में शुरू हुआ घर-घर सर्वे

केरल। चुनाव आयोग द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं।
केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है, क्योंकि बिहार SIR की संवैधानिक वैधता अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में अन्य राज्यों में इसका क्रियान्वयन अनुचित है।
वहीं, तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन ने इसे नागरिकों के अधिकारों पर हमला बताया और 2 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उनका कहना है कि आधार को नागरिकता का प्रमाण मानना गलत है और इससे लाखों वैध मतदाताओं के नाम सूची से हट सकते हैं।
DMK ने ऐलान किया है कि वह कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर SIR का विरोध करेगी। विपक्षी दलों को आशंका है कि यह प्रक्रिया वोटर डेमोग्राफी में बदलाव लाकर चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, भाजपा की सहयोगी एआईएडीएमके ने इस कदम का समर्थन किया है, जबकि पश्चिम बंगाल में BLO कर्मचारियों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
इधर मध्य प्रदेश में SIR प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो चुकी है। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर सर्वे होगा। मतदाता गणना फॉर्म तीन भागों में विभाजित है, जिसमें व्यक्तिगत और पारिवारिक विवरण शामिल हैं। गलत जानकारी देने पर केस दर्ज किया जा सकेगा। हर बूथ पर 1,000 मतदाताओं के लिए एक BLO नियुक्त किया गया है, और कुल 65,000 से अधिक BLO तैनात किए गए हैं।





