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सीएम की क्लास में पहुंचे पुलिस अधिकारी, दो टूक निर्देश अपराधियों के अंदर डर, जनता के अंदर हो सुरक्षा का विश्वास

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए जिससे अपराधियों में कानून का भय और आम नागरिकों में सुरक्षा का अहसास उत्पन्न हो। उन्होंने यह बात मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में कही।

कॉन्फ्रेंस में प्रदेश की कानून-व्यवस्था, मादक पदार्थ नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साइबर अपराध रोकथाम और प्रशासनिक समन्वय पर चर्चा की गई। गृह मंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री विकास शील, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि सड़कों पर अव्यवस्था फैलाने, जघन्य अपराधों और नशा तस्करी पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए। उन्होंने कहा कि नशा अपराधों की जड़ है, इसे समाप्त करना कानून-व्यवस्था सुधार की पहली शर्त है। एनकॉर्ड (NCORD) अभियान, सीमावर्ती जिलों में निगरानी और एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई को समयबद्ध किया जाए।

सीमावर्ती जिलों में संदिग्ध गतिविधियों पर सघन जांच और विशेष टास्क फोर्स (STF) की सक्रियता पर बल दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध की अनदेखी गंभीर घटनाओं को जन्म देती है, इसलिए प्रत्येक मामले में त्वरित कार्रवाई जरूरी है।

बैठक में सड़क सुरक्षा पर भी गहन मंथन हुआ। हेलमेट, सीट बेल्ट और यातायात नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ब्लैक स्पॉट की पहचान कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। नशे में वाहन चलाने वालों पर दंड सुनिश्चित किया जाएगा।

साइबर अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया कि पुलिस को तकनीकी प्रशिक्षण देना आवश्यक है और साइबर हेल्पलाइन का प्रचार व्यापक स्तर पर किया जाए।

मुख्यमंत्री साय ने जोर दिया कि पारदर्शी, जवाबदेह प्रशासन और टीम भावना ही विकसित छत्तीसगढ़ की नींव हैं। उन्होंने कहा कि नीतियों की सफलता अधिकारियों की पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जवाबदेही पर निर्भर करती है, जिससे “विकसित छत्तीसगढ़” की दिशा सुनिश्चित होगी।

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