राजनीति

Chhattisgarh: प्रदेश भाजपाध्यक्ष विष्णुदेव साय और विधायक शिवरतन शर्मा के प्रेस वार्ता के बिंदु. ….

रायपुर। (Chhattisgarh) बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रेसवार्ता ली। प्रेसवार्ता में विधायक शिवरतन शर्मा भी शामिल हुए। सेंट्रल पूल में 60 लाख मेट्रिक टन चावल केंद्र सरकार लेगी।राज्य सरकार प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी की जाए। बीजेपी ने 1 नवंबर से धान खरीदने की मांग की है। समर्थन मूल्य की अंतर की एकमुश्त राशि कांग्रेस सरकार दें। (Chhattisgarh) इन मांगों पर बीजेपी का 7 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन।

1.            (Chhattisgarh) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने केन्द्रीय पूल में डेढ़ गुणा अधिक चावल खरीदने की घोषणा की है. अब वे 60 लाख टन चावल खरीदेंगे. केंद्र से चावल के मद में 9 हज़ार करोड़ रुपया हाल में ही प्रदान किया गया है. ऐसे में इस निर्णय का सारा लाभ किसानों को मिले. 60 लाख टन चावल के लिए पचासी-नब्बे लाख टन चावल की ज़रुरत होगी. भाजपा यह मांग करती है कि प्रति एकड़ कम से कम 20 क्विंटल धान खरीदे प्रदेश की कांग्रेस सरकार.

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2.            पिछले बार सबसे ज्यादा कटु अनुभव किसानों का धान खरीदी का किसानों का रहा. उनसे अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया. समूचे प्रदेश में अफरातफरी का माहौल रहा. उन कटु अनुभवों से इस बार किसान भाइयों को न गुजरना पड़े, इस लिए भी यह ज़रूरी है कि धान खरीदी भाजपा सरकार की तरह ही एक नवंबर से ही शुरू की जाय.

3.            अफसोस की बात है कि पिछले सीजन के धान का कुल पैसा अब तक किसानों के खाते में नहीं आ पाया है. कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े में गांधी परिवार के स्मरण दिवसों पर सौगात की तरह भुगतान कर रही है किसानों का, इससे किसानों को काफी आर्तिक परेशानियों का सामना तो करना पड़ ही रहा है, यह अन्नदाताओं का अपमान भी है. भाजपा शासन में चौबीस घंटे के भीतर भुगतान की व्यवस्था थी. अब मोदी जी के कृषि सुधार क़ानून में स्पष्ट यह व्यवस्था है कि फसल की कीमत 72 घंटे में किसानों के खाते में पहुंच जाए. इस क़ानून का सम्मान करते हुए एकमुश्त धान की कुल कीमत किसानों के खाते में इसी समय सीमा में पहुंचाने की व्यवस्था हो.

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4.            घोषणा पत्र में स्पष्ट वादा करने के बावजूद आजतक बकाये दो साल के बोनस का पैसा शासन द्वारा नहीं दिया गया है, यह किसानों के साथ पूरी तरह धोखाधड़ी है. शीघ्र से शीघ्र किसानों के दोनों वर्ष के बकाये बोनस का पैसा दिये जायें.

5.            गिरदावरी के बहाने प्रदेश शासन किसानों का रकवा घटाने की साज़िश कर रही है ताकि धान खरीदी की अपनी जिम्मेदारी से यथासंभव बचा जाय. भाजपा की यह मांग है कि ऐसी कोई भी हरकत किसानों के साथ न की जाय. किसानों का रकबा एक इंच भी घटाने का भाजपा विरोध करेगी.

6.            पिछली बार धान के परिवहन और भंडारण पर किसानों के साथ अत्याचार की सीमा लांघ दी गयी थी. किसानों के साथ कांग्रेस सरकार ऐसे पेश आ रही थी मानों उन्होंने धान नहीं, भांग-गांजे की खेती कर ली हो. अब ऐसा भण्डारण नए केंद्रीय क़ानून में अपराध नहीं है. भाजपा यह चाहती है कि कांग्रेस सरकार यह घोषणा करे कि इस क़ानून का सम्मान करते हुए इस बार ऐसे किसी बहाने से किसानों को परेशान नहीं करेगी, उन पर मुकदमें आदि नहीं करेगी.

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