छत्तीसगढ़ में तीर्थ स्थलों का चरणबद्ध विकास, भोरमदेव मंदिर के लिए 146 करोड़ स्वीकृत: CM साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के तीर्थ स्थलों का चरणबद्ध विकास कर रही है। इसी क्रम में कवर्धा स्थित भोरमदेव मंदिर परिसर के समग्र विकास के लिए 146 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। साथ ही 5 प्रमुख शक्तिपीठों के उन्नयन हेतु शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री साय भिलाई में आयोजित शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में अपनी पत्नी कौशल्या देवी साय के साथ शामिल हुए। उन्होंने प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा और संतजनों का 3 करोड़ छत्तीसगढ़वासियों की ओर से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण प्रदेश शिवमय है। उनके गृह ग्राम बगिया में फलेश्वर महादेव, कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव और जशपुर में मधेश्वर महादेव जो विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग विराजमान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में आदिशक्ति देवी माता की अपार कृपा है, जैसे दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ की मां बमलेश्वरी, रतनपुर की मां महामाया और चंद्रपुर की मां चंद्रहासिनी।
साय ने बताया कि प्रभु श्रीराम ने वनवास काल में 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए और यहां माता शबरी के जूठे बेर खाकर भक्ति को मान्यता दी। छत्तीसगढ़ को श्रीराम का ननिहाल भी माना जाता है। उन्होंने श्रीरामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में दर्शन कर चुके हैं। इस अवसर पर विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, गजेन्द्र यादव, रिकेश सेन सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।