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सालभर पहले जिन लोगों को किया था दफन….अब जिंदा कैसे लौटे…पुलिस हैरान…रहस्य बरकरार

नितिन@रायगढ़। पिछले साल 14 अगस्त 2023 के दिन जिले के खरसिया थाना क्षेत्र अंतर्गत देहजरी गांव के एक पहाड़ी नाले में एक महिला सहित दो बच्चों की लाश मिली थी। खरसिया पुलिस की खोजबीन के दौरान पता चला कि महिला राबिया परवीन पति अबुल हसन (35) ग्राम बासेन, थाना पास्ता, जिला बलरामपुर की रहने वाली थी। उसके चार बच्चे थे। जिसमें गुलस्सा परवीन (3), सीजरा परवीन (6) के अलावा एक लड़का व लड़की शामिल हैं। 8 अगस्त 2023 की शाम राबिया अपने दो बेटियों गुलस्सा और सीजरा को लेकर बिना बताए घर से निकली थी और इसी बीच पति की एक बार राबिया से फोन पर बात हुई… तो उसने कहा कि वह अपने मायके गढ़वा झारखंड जा रही है। इसके बाद उसने फोन को बंद कर दिया। तब से उसका फोन बंद आ रहा था। इसी बीच उनके लाश की फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई तो परिजनों को पता चला। जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में तीनों शवों का पीएम करा कर महिला के परिजन उन्हें अपने घर ले गए और उनका कफन दफन कर दिया।

लेकिन हाल में दो दिन दिनों तीनों मां-बेटियां जिंदा घर लौट आई तो परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। जीवित मां बेटियों और मृत महिला व बच्चियों की हुबहू तस्वीर सामने देख पुलिस भी दंग है। वहीं मरने वाली कौन हैं इसका रहस्य अब तक बरकरार है। इसके बाद मामले की सूचना खरसिया पुलिस को दी गई। खरसिया पुलिस भी बलरामपुर पहुंची तो उन्हें जिंदा देख चौक गई। पुलिस ने मृत महिला व दोनों बच्चियों की फोटो जिंदा महिला व उसकी बच्चियों से मिलाया तो सभी हुबहू दिखे।

मामले में रायगढ़ एडिशनल एसपी आकाश मरकाम ने बताया कि साल भर पहले खरसिया थाना क्षेत्र में मिली तीनों लाश की पहचान खुद अबू हसन निवासी बलरामपुर जिले ने अपनी पत्नी और बच्चों के रूप में की थी। जिसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम की कार्यवाही कर शव उन्हे सौंप दिया था। अब जब उसकी पत्नि और बच्चे लौट आए है, और परिजनों का कहना है कि तब अबू हसन की मन: स्थिति सही नहीं थी। इसलिए पहचान में उससे गलती हो गई थी। अब पुलिस फिर मृतकों के संबंध में इश्तेहार प्रकाशन कर उनके परिजनों की तलाश में लगेगी।

फिलहाल इस मामले ने रायगढ़ जिले से लेकर बलरामपुर जिले तक हलचल मचा दी है। वहीं बलरामपुर में अबू हसन का परिवार पत्नी और बच्चों के वापस आ जाने से काफी खुश नजर आ रहा है।।

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