पैरेंट्स ने मंदिर जाने से किया मना, भगवान पर नहीं था विश्वास, ‘चोरी-चोरी’ एक्ट्रेस ने की पूजा
मुंबई। एक्ट्रेस श्रुति हासन का भगवान में जितना विश्वास है, पैरेंट्स कमल हासन ने उन्हें आध्यात्म से उतना ही दूर रखने की कोशिश की है.
श्रुति ने बताया कि वो एथिस्ट घर में पली बढ़ी हैं, जहां पूजा पाठ बिल्कुल नहीं किया जाता. बावजूद इसके उनका भगवान में विश्वास गहराया और वो ज्यादा मजबूत बनीं.पिंकविला से श्रुति बोलीं- ईश्वर में मेरी आस्था. मेरा घर नास्तिकों जैसा है. कोई भगवान में बहुत विश्वास नहीं करता. मेरी मां स्पिरिचुअल हैं, लेकिन मेरे पिता कभी नहीं. इसलिए बड़े होते होते हमारे पास भगवान को मानने वाला कोई कॉन्सेप्ट कभी नहीं था, मैंने खुद ही इसे डिस्कवर किया है.
मैं ईश्वर की शक्ति में बहुत विश्वास करती हूं और ईश्वर की शक्ति ने मुझे मेरे जीवन में कई चीजों से गुजरने में मदद की है. श्रुति ने बताया कि उन्होंने ‘चोरी-चोरी’ भगवान को पहचाना. वो बोलीं कि हमारी कॉलोनी में एक गली थी जहां मैं अपनी साइकिल चलाती थी. मुझे हमेशा मेन गेट के पास साइकिल चलाने से मना किया जाता था. हैरानी की बात थी कि, हर सुबह मैं चर्च और मंदिर की घंटियां एक ही वक्त पर सुनती थी.
और मैं सोच में पड़ जाती थी कि मैं पहले किस मंदिर में पहुंचूंगी. मंदिर मेरे घर से बहुत दूर था, इसलिए मैं हफ्ते में एक बार चर्च जाती थी. कम से कम 5-6 महीने तक घर में किसी को पता नहीं चला. बच्चों के साथ दिक्कत ये है कि अगर आप उन्हें कुछ न करने के लिए कहते हैं, तो वो और भी ज्यादा ऐसा करते हैं. मेरे मामले में, ये धर्म था.
श्रुति बोलीं- मैं पहली बार अपने दादाजी के साथ मंदिर गई थी, जो मुझे चेन्नई के एक मंदिर में ले गए थे. उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं अपने पिता को ये न बताऊं.
उसके कुछ समय बाद ही मेरे दादाजी का निधन हो गया. मेरे दादाजी और मंदिर के साथ मेरा हमेशा एक ऐसा रिश्ता रहा है जो आध्यात्मिक जुड़ाव की तरह बन गया है.