Chhattisgarh

सुकमा में अज्ञात बीमारी से दहशत, 10 दिनों में 8 लोगों की मौत; स्वास्थ्य अधिकारी जुटे जांच में

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा में स्थित छिंदगढ़ ब्लॉक के धनीकोड़ता गांव में पिछले दस दिनों में दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकांश को हाथ-पैर में दर्द, बुखार और चेचक जैसी समस्याएं थी। मौतों के कारण पूरे गांव में दहशत का माहौल है, और बीमार लोग स्वास्थ्य विभाग से ज्यादा झाड़-फूंक पर भरोसा कर रहे हैं।

गांव में करीब 15 लोग अभी भी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। मृतकों में से एक 55 वर्षीय वेल्ला लिंगा भी शामिल हैं, जिनकी मलेरिया के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन दिन पहले से गांव में शिविर लगाकर इलाज शुरू कर दिया है। आरएमओ राजेश सोनी के नेतृत्व में चार स्टाफ नर्सों की टीम और मलेरिया विभाग के जिला कंसल्टेंट ने इलाज किया।

अधिकांश ग्रामीणों में पोषण की कमी

आरएमओ राजेश सोनी ने बताया कि गांव में अधिकांश ग्रामीणों में पोषण की कमी देखी गई है। 80 प्रतिशत लोगों का रक्त परीक्षण किया गया, जिसमें कुछ में मलेरिया के लक्षण पाए गए हैं। गंभीर हालत में मरीजों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है।धनीकोड़ता गांव में कई बच्चे कुपोषित और महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। क्षेत्र में प्रशासन की पहुंच के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं की कमी बनी हुई है।

एक दिन में दो सगे भाइयों की मौत, शिकायत पैर-हाथ में दर्द

धनीकोड़ता के लक्कापारा निवासी सुक्का हिड़मा और मंगा हिड़मा दोनों सगे भाई हैं एक सप्ताह से दोनों को हाथ-पैर में दर्द की शिकायत थी। 15 फरवरी की सुबह सुक्का हिड़मा (30) की मौत हो गई वहीं देर रात को छोटे भाई मंगा हिड़मा (25) ने बीमारी से दम तोड़ दिया। एक ही घर में दो भाइयों की मौत ने ग्रामीणों को दहशत में ला दिया। इसके अलावा लक्कापारा के बुधरा बुसका, पटेलपारा के हड़मा देवा (65), सोनी हड़मा (38), वेल्ला लिंगा (55), मासे सन्नू (4 माह) और देवा मुचाकी (1) की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन मृतकों के कारणों की जांच कर रहे हैं और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।

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