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7 महीने से धान संग्रहण केंद्रों में पड़ा है 7.27 करोड़ का धान, बारिश में भीगकर हो रहा खराब

बिलासपुर। जिले के मोपका, भरनी, करगीकला और बिल्हा स्थित धान संग्रहण केंद्रों में 7.27 करोड़ रुपए मूल्य का धान पिछले 7 महीनों से बिना उठाव के जमा पड़ा है। बारिश और तिरपालों की खराब स्थिति के कारण यह धान अब सड़ने की कगार पर पहुंच गया है।

भरनी संग्रहण केंद्र का निरीक्षण करने पर सामने आया कि धान को सिर्फ फटे तिरपालों से ढका गया है, जिससे पानी सीधे धान में जा रहा है। केंद्र में चबूतरे की कोई व्यवस्था नहीं है, केवल भूसा बिछाकर खानापूर्ति की गई है। बारिश में भीगने के कारण कई जगहों पर धान अंकुरित होने लगा है।

केंद्र कर्मियों ने बताया कि तिरपालें आंधी और ट्रकों की आवाजाही से फट गईं, लेकिन इन्हें बदला नहीं गया। यही स्थिति मोपका, करगीकला और बिल्हा केंद्रों में भी देखी गई। वर्तमान में भरनी केंद्र में 17,929 मीट्रिक टन धान का उठाव शेष है, जबकि सभी केंद्रों में मिलाकर 1,36,629 मीट्रिक टन धान जमा किया गया था, जिसमें से अब तक 74,477 मीट्रिक टन का ही उठाव हो पाया है।

मिलर्स की ओर से ट्रकों की कम उपलब्धता के कारण उठाव की गति बेहद धीमी है। अनुमान है कि शेष धान को उठाने में एक महीने का और समय लगेगा। यदि इस दौरान तेज बारिश हुई, तो बड़ा नुकसान हो सकता है। जिला विपणन अधिकारी शंभू कुमार गुप्ता ने धान सड़ाने की साजिश की बात से इनकार करते हुए कहा कि उठाव जारी है और जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

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