ओवैसी का निशाना: मुस्लिमों को बंधक बनाकर पाकिस्तानी-रोहिंग्या कहा जा रहा, रिजिजू बोले- मिल रही ज्यादा सुविधाएं

दिल्ली। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय मुस्लिम अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं रह गए हैं, बल्कि बंधक बना दिए गए हैं। ओवैसी का यह बयान केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की उस टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत एकमात्र देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं।
ओवैसी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि अल्पसंख्यकों के अधिकार कोई खैरात नहीं, बल्कि संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार हैं। हर दिन मुस्लिमों को पाकिस्तानी, बांग्लादेशी या रोहिंग्या कहा जाता है, क्या यही सुरक्षा है? उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्तियों को बंद कर दिया गया, और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को बहुमत में नियुक्त किया गया।
ओवैसी ने सवाल उठाया कि क्या कोई मुस्लिम किसी हिंदू धार्मिक ट्रस्ट में शामिल हो सकता है? अगर नहीं, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति क्यों? उन्होंने कहा कि मुस्लिम छात्रों की स्कॉलरशिप योजनाओं को खत्म कर दिया गया, जिससे उनकी शिक्षा बाधित हो रही है।
रिजिजू ने इसके जवाब में कहा कि पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक भारत आना क्यों पसंद करते हैं? इसका कारण है भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और मोदी सरकार की सभी के लिए योजनाएं। ओवैसी ने हाल ही में संसद में पेश वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हुए उसकी प्रति फाड़ दी थी। उन्होंने कहा कि यह बिल मुसलमानों को कमजोर करने की साजिश है और वे गांधी की तरह इसका विरोध करते हैं। इसके बाद वे सदन से वॉकआउट कर गए।