दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य वक्फ बोर्ड में मेंबर बनने को लेकर अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि अब वक्फ बोर्ड का सदस्य वही बन सकता है, जो दो जरूरी शर्तें पूरी करता हो।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और राजेश बिंदल की बेंच ने कहा, कि संसद, राज्य विधानसभा या राज्य बार काउंसिल का सक्रिय सदस्य और मुस्लिम ही वक्फ बोर्ड के सदस्य बन सकते है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हाईकोर्ट के उस फैसले को गलत बताया जिसमें कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति बार काउंसिल का सदस्य नहीं भी रहा, तो भी वह वक्फ बोर्ड का सदस्य बना रह सकता है। SC ने कहा कि वक्फ कानून के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति बार काउंसिल से बाहर हो जाता है, तो उसकी वक्फ बोर्ड की सदस्यता भी खत्म मानी जाएगी।
ये है पूरा मामला
मणिपुर के मो. फिरोज अहमद खालिद को फरवरी 2023 में मणिपुर वक्फ बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया था। वे दिसंबर 2022 में बार काउंसिल के सदस्य चुने गए थे। उन्होंने उस सदस्य की जगह ली थी, जो बार काउंसिल चुनाव हार गया था। पहले हाईकोर्ट ने उनकी नियुक्ति को सही बताया, लेकिन डिवीजन बेंच ने यह फैसला पलट दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि बार काउंसिल से बाहर होते ही वक्फ बोर्ड की सदस्यता खत्म मानी जाएगी।