जम्मू। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात करीब 11:22 बजे हुए भीषण धमाके ने पूरे इलाके को दहला दिया। विस्फोट में एक तहसीलदार सहित 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 29 घायल हैं जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी शामिल हैं। सभी का इलाज 92 आर्मी बेस हॉस्पिटल और SKIMS सौरा में चल रहा है।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट उस समय हुआ जब पुलिस व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल केस में जब्त विस्फोटक की जांच के लिए सैंपल ले रही थी। यह वही विस्फोटक है जो हरियाणा के फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल गनई के किराए के घर से मिला था। अभी यह साफ नहीं है कि जांच के लिए पूरा 360 किलो विस्फोटक लाया गया था या सिर्फ उसका हिस्सा।
धमाका इतना तेज था कि पुलिस स्टेशन के पार्किंग क्षेत्र की कई गाड़ियां जल गईं। आसपास के घरों की खिड़कियां हिल गईं और शवों के टुकड़े 200 मीटर दूर तक मिले। सुरक्षा एजेंसियां इसकी आतंकी साजिश के कोण से भी जांच कर रही हैं। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े PAFF ने जिम्मेदारी लेने का दावा किया है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
मामले की पृष्ठभूमि
नौगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज इंटर-स्टेट टेरर मॉड्यूल की FIR से इस जांच की शुरुआत हुई। इसी मॉड्यूल पर दिल्ली ब्लास्ट का भी आरोप है। अक्टूबर में धमकी भरे पोस्टर मिलने के बाद पुलिस ने CCTV के आधार पर तीन युवकों को पकड़ा, जिनसे पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए।
बाद में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई और 2900 किलो से ज्यादा IED की सामग्री बरामद की गई। पुलिस के अनुसार यह मॉड्यूल तीन डॉक्टरों द्वारा संचालित था। एक गिरफ्तार, एक मारा गया और एक अभी फरार है।
