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राशन चावल घोटाले में खाद्य निरीक्षकों को नोटिस, प्रदेशभर में बढ़ा विवाद

रायपुर। वर्ष 2021-22 में राशन दुकानों से करीब 216 करोड़ रुपए मूल्य का चावल खुले बाजार में बेचने के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। अब राज्यभर के सभी जिलों के खाद्य निरीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिससे खाद्य विभाग में नाराजगी बढ़ गई है। अफसरों का कहना है कि दोषी राशन दुकानदारों से बाजार का खरीदा चावल लेने के बाद अब उन्हें दोषी ठहराना अनुचित है।

मामले की जांच विधानसभा की समिति कर रही है, जिसने जिम्मेदार अफसरों के नाम मांगे थे। लेकिन संचालनालय ने सभी खाद्य निरीक्षकों को दोषी माना है। आरोप है कि फूड इंस्पेक्टर हर महीने बचत स्टॉक की जानकारी ऑनलाइन भरने के बावजूद दुकानदारों को स्टॉक भेजते रहे, जिससे गड़बड़ी हुई।

छत्तीसगढ़ खाद्य अधिकारी संघ का कहना है कि तीन साल बाद नोटिस जारी करना साजिश है और बड़े अफसरों को बचाने की कोशिश की जा रही है। उनका दावा है कि कोटा जारी या बंद करने का अधिकार संचालनालय के पास है, फूड इंस्पेक्टर का काम केवल बचत चावल की जानकारी देना है। संघ ने सड़क पर विरोध और मुख्यमंत्री व खाद्य मंत्री से मिलने की चेतावनी दी है।

खाद्य संचालनालय ने बताया कि इस मामले में 7927 राशन दुकानों को नोटिस, 3278 के खिलाफ वसूली की कार्रवाई, 602 को निलंबित और 671 को निरस्त किया गया है। कई दुकानदारों ने गायब चावल सरकारी खाते में जमा कराया है।

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