दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर बहस तेज हो गई है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने SIR से जुड़े मामले में आधार कार्ड को वैध दस्तावेजों की सूची में शामिल किया था।
इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि जाली आधार कार्ड बनाकर लोग नागरिकता साबित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है और कहा है कि केवल आधार कार्ड ही नहीं, बल्कि अन्य दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस और राशन कार्ड भी फर्जी बनाए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमलया बागची की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि आधार का उपयोग कानून द्वारा तय सीमा तक ही होना चाहिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी दस्तावेज को फर्जी बनाने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए आधार को अन्य दस्तावेजों से अलग नहीं देखा जाना चाहिए।
बिहार चुनाव से पहले SIR प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने नागरिकता साबित करने के लिए 11 दस्तावेजों की सूची जारी की थी, जिसमें आधार कार्ड शामिल नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में आधार को 12वें वैध दस्तावेज के रूप में मान्यता दी। इसके बाद फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसमें आधार के दुरुपयोग की संभावना बताई गई थी।
कोर्ट ने 8 सितंबर को कहा कि चुनाव आयोग ने आधार को वैध पहचान पत्र के रूप में मानने के लिए नोटिस जारी किया था और इस संबंध में कानून के दायरे में इसका उपयोग किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी यह स्पष्ट करती है कि केवल आधार कार्ड पर निर्भर रहना सुरक्षित नहीं है। सभी दस्तावेजों की सत्यता की जांच आवश्यक है, और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्त निगरानी जरूरी है।