मनीष सवरैया@महासमुंद। सरायपाली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए भाजपा पार्षदों द्वारा कलेक्टर को सौंपे गए अविश्वास प्रस्ताव आवेदन पर पुलिस प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था के बीच सरायपाली नगर पालिका के 15 पार्षदों ने मतदान किया. जहां अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 12 मत पड़े और तीन विपक्ष में। बहुमत के आधार पर अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ।
आपको बता दे की सरायपाली नगर पालिका में पूर्व में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार होने के कारण सरकार के दबाव में अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं हो पाया था। सरकार बदलने के बाद पार्षदों में एकजुटता दीखी और दबाव भी खत्म हुआ और उसके बाद निष्पक्ष होकर पार्षदों ने आज मतदान किया। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव बहुमत के साथ पारित हुआ।
जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि पूर्व के 4 साल के कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यकाल में नगर का विकास पूरी तरह ठप्प हो गया था? पूरा नगर कचरे की ढेर के सामान था। मूलभूत सुविधाएं लोगों को ठीक से नहीं मिल पा रही थी और भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर पहुंच गया था। जिसको लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं और अब जैसे ही नए अध्यक्ष के साथ नई बॉडी का गठन होगा पूरे भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी और जो भी गलत पाए जाएंगे सब पर कार्रवाई होगी। नगर में किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होगी। सभी को मूलभूत सुविधाएं जो उनका अधिकार है मिलेगी अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद नगर पालिका से जय स्तंभ चौक तक आतिशबाजी कर भाजपा पार्षदों पदाधिकारी और नेताओं ने जनता का अभिवादन करते हुए सभी को धन्यवाद दिया और लोगों ने मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी ।