रोजगार के अवसरों और पोषण तत्वों की दी जानकारी
रायपुर। हरियाणा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फ़ूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (एनआईएफ़टीईएम) द्वारा जशपुर में मोटे अनाज आधारित बेकरी उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
यह प्रशिक्षण महुआ पर स्थापित सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में हुआ, जिसमें स्व-सहायता समूह की 25 महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने मोटे अनाज में पाए जाने वाले फ़ाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही इनके नियमित उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी बताया।
प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को नानखटाई, न्यूट्री बार, कुकीज़ जैसे उत्पादों में मोटे अनाज का उपयोग बढ़ाने की तकनीक सिखाई गई। बताया गया कि इन उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग है, जिससे आमदनी बढ़ाने का अवसर उपलब्ध होगा। प्रशिक्षकों ने कहा कि मोटे अनाज को भोजन में शामिल करने से कुपोषण में कमी और पोषण स्तर में वृद्धि संभव है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास है।
एनआईएफ़टीईएम टीम स्थानीय स्तर पर वैल्यू-एडेड खाद्य उत्पादों के उत्पादन के साथ-साथ पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए भी तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। यह पूरी गतिविधि ग्राम अंगीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य स्थानीय समुदायों को खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्यमिता से जोड़ना है।
इस पहल का नेतृत्व प्रो. प्रसन्ना कुमार जी.वी. और अभिमन्यु गौर कर रहे हैं, जबकि संपूर्ण कार्यक्रम एनआईएफ़टीईएम के डायरेक्टर डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय के मार्गदर्शन में चल रहा है। कार्यक्रम संचालन में मिशन मैनेजर विजय शरण प्रसाद और जय जंगल एफपीसी जशपुर के डायरेक्टर समर्थ जैन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रशिक्षण के सफल आयोजन के बाद प्रतिभागी महिलाओं ने इस अवसर के लिए आभार व्यक्त किया।
