StateNewsChhattisgarhछत्तीसगढ़

भूमि की नई गाइडलाइन दरें लागू: वैज्ञानिक युक्तिकरण से बाजार मूल्य के अनुरूप निर्धारण, किसानों और आमजन को होगा लाभ

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूमि के वास्तविक बाजार मूल्य को प्रतिबिंबित करने और वर्षों से चली आ रही विसंगतियों को दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2025-26 की नई गाइडलाइन दरें लागू कर दी गई हैं। “छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम, 2000” के तहत उप जिला एवं जिला मूल्यांकन समितियों के प्रस्तावों पर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड, रायपुर ने इन दरों को स्वीकृति दी है। नई गाइडलाइन दरें 20 नवंबर 2025 से पूरे प्रदेश में प्रभावी हो चुकी हैं।

लगभग छह वर्षों बाद गाइडलाइन दरों का यह व्यापक पुनरीक्षण किया गया है। इस दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों के बीच बड़ा अंतर पैदा हो गया था। इसी असंतुलन को दूर करने के लिए वैज्ञानिक, तथ्यपरक और तुलनात्मक पद्धति अपनाकर दरों का निर्धारण किया गया है, जिससे संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों व आम नागरिकों को उनकी जमीन का उचित मूल्य मिल सकेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्ग पर औसतन 108 प्रतिशत और मुख्य मार्ग से अंदर स्थित भूमि पर औसतन 120 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सरगुजा जिले के कई ग्रामों में यह वृद्धि 300 प्रतिशत से अधिक रही है, जिसका कारण आसपास के ग्रामों की दरों के साथ युक्तियुक्तकरण करना है। पूर्व में जिन गांवों की दरें बेहद कम थीं, वहां संतुलन स्थापित करने के चलते वृद्धि अधिक दिखाई दे रही है।

शहरी क्षेत्रों में भी दरों का व्यापक पुनरीक्षण हुआ है। नगर निगम अंबिकापुर के 48 वार्डों में मुख्य मार्ग पर औसतन 26 प्रतिशत और अंदरूनी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जनसंख्या वृद्धि, आवासीय मांग और विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए कई वार्डों में दरों का युक्तिकरण किया गया है, हालांकि ये दरें अभी भी बाजार सर्वे से कम हैं।

नगर निगम क्षेत्र से लगे ग्रामों और पेरी-अर्बन क्षेत्रों में वर्गमीटर दर समाप्त कर हेक्टेयर दर लागू की गई है। इससे राजस्व हानि रुकेगी और वास्तविक मूल्य का बेहतर आकलन होगा। शासन का मानना है कि नई गाइडलाइन दरें किसानों और आमजन के हित में हैं और इससे राज्य में संतुलित एवं पारदर्शी विकास को मजबूती मिलेगी।

Related Articles

Back to top button