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छत्तीसगढ़ में नई गाइडलाइन दरें लागू: ग्रामीण–शहरी क्षेत्रों में वैज्ञानिक रेशनलाइजेशन से पारदर्शिता और निवेश को बढ़ावा

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन दरें लागू कर दी हैं, जो 20 नवंबर से पूरे राज्य में प्रभावी हो गई हैं।

छह वर्ष बाद किए गए इस पुनरीक्षण का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जमीन के वास्तविक बाजार मूल्य को दर्शाना और पुरानी विसंगतियों को दूर करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्ग पर औसतन 109% और अंदरूनी हिस्सों में 105% वृद्धि दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी अचानक नहीं है, बल्कि विभिन्न गांवों के बीच दरों के वैज्ञानिक रेशनलाइजेशन का परिणाम है।

बलरामपुर जिले में कई गांवों में पूर्व दरें वास्तविक मूल्य से बहुत कम थीं। जैसे ताम्बेश्वरनगर का मुख्य मार्ग दर 6.28 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर था, जिसे अब 51.52 लाख रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार लूरघुट्टा, नावाडीह और भवानीपुर जैसे गांवों में 300 से 700 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। तातापानी एवं NH-343 के आसपास बसे इन क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए दरों का पुनर्मूल्यांकन किया गया।

शहरी क्षेत्रों में भी औसतन 20% वृद्धि की गई है। बलरामपुर नगर के कई वार्डों में पहले एक ही मार्ग पर दरों में भारी अंतर था, जिसे नई गाइडलाइन में सुधारकर वास्तविक बाजार दरों के अनुरूप बनाया गया है। जनसंख्या वृद्धि, आवासीय मांग और व्यवसायिक विस्तार को आधार बनाकर वार्डवार नई कण्डिकाएँ तैयार की गईं।

विशेषज्ञों का कहना है कि नई गाइडलाइन दरें जमीन बाजार को पारदर्शी बनाएंगी, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को सही मुआवजा मिलेगा और शहरी क्षेत्रों में योजनाबद्ध विकास को गति मिलेगी। भूमि मूल्य का यह वैज्ञानिक युक्तिकरण राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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