बिहार में नई सरकार: शपथ से पहले दिल्ली में ललन-संजय की बैठक, JDU-BJP में खींचतान

पटना। बिहार में 20 नवंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण होना है। पटना के गांधी मैदान में तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन उससे पहले जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और संजय झा को सोमवार आधी रात दिल्ली तलब किया गया। दोनों चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली गए, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की जाएगी। बैठक में नए मंत्रियों और कैबिनेट के चेहरों को लेकर भी चर्चा होगी।

सूत्रों के मुताबिक जदयू और भाजपा के बीच सरकार में बराबर की भागीदारी को लेकर खींचतान है। विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद सभापति पदों पर दोनों पार्टियों की दावेदारी टकरा रही है। जदयू चाहती है कि स्पीकर उनका हो और विधान परिषद सभापति भाजपा का हो। जबकि भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री पद जदयू के पास है, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष पद उनका स्वाभाविक हक है।

नई कैबिनेट का फॉर्मूला 6 विधायक पर 1 मंत्री के आधार पर तय हुआ है। जदयू और भाजपा को 15-15 मंत्री मिलेंगे। लोजपा (आर) और अन्य सहयोगियों को भी उनके कोटे के अनुसार मंत्री मिलेंगे। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कुछ मंत्रियों की शपथ 20 नवंबर को एक साथ होगी, जबकि बाकी मंत्रियों की शपथ बाद में हो सकती है।

पिछली सरकार में जदयू के 13 मंत्रियों में से 10 को नई सरकार में बनाए जाने की संभावना है। भाजपा कोटे में बदलाव की संभावना है, जिसमें डिप्टी CM विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी की जगह नए नामों पर विचार हो सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नीतीश कुमार सरकार में बराबरी सिर्फ संख्या से नहीं, बल्कि गठबंधन की गरिमा से तय होगी। जदयू को मुख्यमंत्री के साथ एक डिप्टी CM का पद भी चाहिए। जबकि भाजपा और जदयू के बीच शक्ति संतुलन पर चर्चा जारी है। नई सरकार भ्रष्टाचार और अपराध के मामलों में विपक्ष को कोई मौका नहीं देने का इरादा रखती है।

बिहार की राजनीति में इस समय खींचतान के बावजूद शपथ ग्रहण के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और दिल्ली में हुई बैठक सरकार गठन की अंतिम रूपरेखा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।

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