नई बिजली दरें संतुलित, ग्रामीण-आदिवासी, सभी के लिए हितकारी तथा विकासपरक: बिजली कंपनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों की नई संरचना को मंजूरी दे दी है। नई दरें शुक्रवार को घोषित की गईं, जो सभी वर्गों के उपभोक्ताओं के लिए संतुलित, विकासपरक और हितकारी मानी जा रही हैं। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनियों के प्रबंध निदेशक भीमसिंह कंवर ने बताया कि औसतन दरों में सिर्फ 1.89 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई है, जिससे उपभोक्ताओं पर कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा।
नई दरों में ग्रामीण, आदिवासी, महिला स्व-सहायता समूहों, किसानों और छोटे व्यवसायियों को विशेष राहत दी गई है। घरेलू उपभोक्ताओं की दर में केवल 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। वहीं कृषि पंपों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, जिसका भार राज्य सरकार उठाएगी, इसलिए किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
छूट को यथावत रखा गया
नियामक आयोग ने विभिन्न वर्गों को दी जाने वाली छूटों को या तो यथावत रखा है या बढ़ाया है। जैसे, मुरमुरा-पोहा मिल को मिलने वाली छूट को 5% से बढ़ाकर 10% कर दिया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों को पूर्ववत 10% छूट दी जाएगी। ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में चल रहे अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सेंटर को भी 5% की छूट जारी रहेगी।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए दरें औसत लागत के अनुसार निर्धारित
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए दरें औसत लागत के अनुसार निर्धारित की गई हैं। 7.02 रुपये प्रति यूनिट (निम्न दाब) और 6.32 रुपये प्रति केवीएएच (उच्च दाब)। वहीं, आफसेट प्रिंटिंग प्रेस को अब गैर-घरेलू श्रेणी से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में लाया गया है जिससे दरें कम हो जाएंगी।
टॉवरों पर 10 प्रतिशत ऊर्जा शुल्क की छूट
मोबाइल टॉवर, विशेष रूप से नक्सल प्रभावित जिलों में स्थापित किए जाने वाले टॉवरों पर 10 प्रतिशत ऊर्जा शुल्क की छूट दी गई है। अस्थायी कनेक्शन पर भी राहत दी गई है, अब इन पर सामान्य दर का 1.5 गुना के बजाय केवल 1.25 गुना शुल्क लिया जाएगा। इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में लागू की गई नई बिजली दरें सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं और इन्हें संतुलित, सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और आर्थिक दृष्टि से सहायक माना जा रहा है।