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वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर देशभर में उत्सव, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री साय ने दी श्रद्धांजलि

रायपुर। राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर देशभर में उत्साहपूर्वक कार्यक्रम आयोजित किए गए। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। इस अवसर पर उन्होंने आज़ादी के अमर सेनानियों को नमन किया और मातृभूमि के प्रति आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री साय नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्मरणोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ मां भारती की साधना और आराधना की प्रेरक अभिव्यक्ति है। उन्होंने इसे भारत की आत्मा, संस्कृति और स्वतंत्र अस्तित्व का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत केवल प्रतिरोध नहीं, बल्कि आत्मबल जगाने वाला मंत्र बना।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह गीत मातृभूमि के प्रति प्रेम, कृतज्ञता और राष्ट्रधर्म का शाश्वत प्रतीक है। उन्होंने बताया कि ‘वंदे मातरम्’ की रचना 7 नवम्बर 1875 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी, जो आगे चलकर स्वदेशी आंदोलन की प्रेरणा बना। उन्होंने कहा कि यह गीत भारत की एकता, समृद्धि और आत्मगौरव की काव्यात्मक अभिव्यक्ति है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर स्मारक सिक्का, डाक टिकट और ‘वंदे भारत पोर्टल’ (vandematram150.in) का शुभारंभ किया, जिससे देशवासी अपनी आवाज़ में राष्ट्रगीत गाकर इससे जुड़ सकेंगे।

मुख्यमंत्री साय ने मंत्रालय में छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया, जिसमें ‘वंदे मातरम्’ के सृजन से लेकर राष्ट्रीय चेतना के प्रतीक बनने तक की ऐतिहासिक यात्रा प्रदर्शित की गई। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी नई पीढ़ी को देश की आज़ादी और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा से परिचित कराती है।

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