National: जानिए क्या है किसानों की मांग, और सरकार के 5 प्रस्ताव, आखिर कहां अटकी है बात ?
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नई दिल्ली। (National) पीएम मोदी ने गुरुपर्व के पावन अवसर पर कृषि कानूनों को वापस ले लिया था, लेकिन किसानों का आंदोलन जारी है. दरअसल सरकार ने किसानों की मांग पर प्रस्ताव भेजा है. इनमें से किसान ने कुछ पर आपत्ति जताई है. लेकिन कुछ पर अपनी सहमति भी जाहिर की है. किसान संयुक्त मोर्चा ने जो कमेटी बनाई है. (National) वो कमेटी की सरकार के कुछ मंत्रियों के साथ बैठक है. मंत्रियों का दल किसानों की मांगों को सुनेगा.
जानिए सरकार के द्वारा भेजा गया प्रस्ताव?
1- सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक, एमएसपी पर पीएम मोदी और बाद में कृषि मंत्री ऐलान कर चुके हैं कि कमेटी बनाई जाएगी, इसमें राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी होंगे. साथ ही किसान नेताओं को भी शामिल किया जाएगा. इसमें कृषि वैज्ञानिक भी शामिल होंगे. इतना ही नहीं इस कमेटी में किसान संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
2- प्रस्ताव के मुताबिक, जहां तक आंदोलन की बात है, तो हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार आंदोलन के खत्म होते ही केस वापस लेने के लिए तैयार है.
3- सरकार ने कहा है कि जैसे ही आंदोलन वापस होगा, जिस विभाग ने केस दर्ज किया है, वह अपने आप केस वापस ले लेंगे.
4- जहां तक कि मुआवजे की बात है, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति दी है. पंजाब सरकार मुआवजे को लेकर पहले ही ऐलान कर चुकी है.
5- जहां तक की बिजली बिल की बात है, इसमें सभी पक्षों का विचार सुना जाएगा. इसके बाद संसद में बिल पेश किया जाएगा.
5- पराली जलाने पर सरकार ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा पारित अधिनियम में किसान को आपराधिक केस से छूट दी गई है.
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किसानों ने सरकार के प्रस्ताव में तीन बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराई है.
1-किसानों का कहना है कि जो लोग कृषि कानूनों की ड्राफ्टिंग में शामिल थे, उन्हें एमएसपी पर कमेटी में शामिल नहीं किया जाएगा. सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों को इसमें जगह दी जाए.
2- किसानों का कहना है कि पहले केस वापस ले सरकार, इसके बाद आंदोलन वापस लिया जाएगा. .
3- किसानों का कहना है कि सरकार सैद्धांतिक रूप से मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन जिस तरह से पंजाब सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया है, वैसे ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए.
सरकार ने क्यों वापस लिया था तीन कृषि कानून?
केंद्र सरकार ने गुरु पर्व पर विवादित तीनों कृषि कानून को वापस ले लिया था. पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लेने के पीछे का कारण बताते हुए कहा था कि इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपनी कोशिशों के बावजूद किसानों को नहीं समझा पाए. कृषि से जुड़े अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञैनिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों की अहमियत समझाने की भरपूर कोशिश की थी.
इसलिए कानून लेकर आई थी मोदी सरकार?
पीएम मोदी कृषि कानूनों को वापस लेते हुए यह भी बताया Le कि सरकार ये कानून क्यों लेकर आई थी. पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, गरीबों के अच्छे भविष्य के लिए, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी.