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National Human Rights Commission का राजस्थान की गहलोत सरकार को नोटिस, चार सप्ताह में मांगा जवाब

जयपुर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से 27 अक्टूबर को राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा गया है.

बीते दिनों राज्य में आठ से अठारह साल तक की लड़कियों को स्टांप पेपर पर बेचने, कर्ज़ न चुका पाने की वजह से राज्य के लगभग छह ज़िलों में लड़कियों की ख़रीद फरोख्त कर इन्हें दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मुंबई और विदेशों में भेजने के दावे किए गए थे.

इन्हीं मीडिया रिपोर्ट्स पर आयोग ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को नोटिस जारी किया है.

आयोग ने बीते दिनों मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (डीजीपी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

डीजीपी एम एल लाठर ने नोटिस को लेकर किए गए सवाल पर बीबीसी से कहा, “यह भी पेपर न्यूज़ है और वो भी पेपर न्यूज़ है. अभी हमें नोटिस नहीं मिला है. खबरों में जो छपा है वो एक पक्ष है, हम इसकी जांच करेंगे कि वास्तविकता क्या है.”

आयोग ने नोटिस में कहा है कि यदि यह मीडिया रिपोर्ट सही हैं तो यह मानवाधिकार का उल्लंघन है. इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नोटिस पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीबीसी से कहा, “यह मीडिया रिपोर्ट है. आयोग ने बिना जांच कराए ही नोटिस जारी कर राजनीतिक मुद्दा बना दिया है.

आयोग को नोटिस जारी करने से पहले जांच करानी चाहिए थी, जिससे सच्चाई तो सामने आती. अभी तक सच्चाई ही सामने नहीं आई है. पुलिस जांच कर रही है, डीजीपी जांच कराएंगे सच्चाई सामने आ जाएगी.”

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