Dhamtari: अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर आरक्षक ने पुलिस विभाग से दिया त्याग पत्र, सुनाई आपबीती

संदेश गुप्ता @धमतरी। पुलिस विभाग के अधिकारियों की प्रताड़नाओं, तानाशाही आदेशों एवं तृतीय श्रेणी पुलिस कर्मचारियों के प्रति रूष्ट रवैये के तंग आकर मंगचुवा बालोद में आरक्षक के पद पर पदस्थ अर्पण जैन ने पद से त्याग पत्र दिया है।  

उन्होंने पत्र में लिखा कि थाना मंगचुवा से रवानगी लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय बालोद गया था। जो कि 5 जनवरी को पुलिस अधीक्षक के समक्ष गुजारिश हेतु पेश हुआ। पुलिस अधीक्षक द्वारा अपशब्दों का प्रयोग किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि तुम्हारी कोई गुजारिश मैं नहीं सुनना चाहता हूँ। तुम अपना आवेदन स्टोनो के पास छोड़कर 2 घंटे के अन्दर थाना मंगचुवा में जाकर आमद दो। नहीं पहुचने पर अपने आप को बर्खास्त समझना वैसे भी तुम इस पुलिस विभाग के लायक नहीं हो। पुलिस कार्यालय बालोद के स्टेनो शत्रुघ्न वर्मा द्वारा पुर्व में मेरे उपर बैठाई गई विभागीय जांच में दी गई सजा को कटवाने के एवज में मुझसे 60,000  रूपये का मांग भी किया गया था। मेरे द्वारा पैसे नहीं होने बताने पर मेरी पत्नि का एक्टिवा स्कुटी मुझसे जबरदस्ती ले लिया  गया। एवं अभी भी मेरे पदोन्नती के संबंध में मुझसे 2 लाख रूपये का डिमांड किया। जिसका गवाह गोपनीय रूप से मैं रखा हूं अगर उन्हे नाम पता चल जायेगा तो को भी झुठे केश में फंसा दिया जाएगा।  समय आने पर उक्त गवाह को उच्च अधिकारीयो के समक्ष प्रस्तुत करूंगा।

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देश सेवा के लिए पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था। लेकिन मेरे साथ ऐसी घटना घटने के कारण मै किसी भी वक्त आत्महत्या कर सकता हूँ। उक्त बातों को मैंने अपनी पत्नी नेहा जैन को भी बताया जिसे सुनकर मेरी पत्नी ने तत्काल नौकरी से त्याग पत्र देकर घर आने की सलाह मुझे दी।  पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों के द्वारा जवानों को दिये जाने वाले गाली गलौच, मार-पीट, शोषण एवं प्रतारणाओं को देख कर सुनकर व समझकर तथा मेरे ऊपर हुए अत्याचारों बर्दाश्त नहीं कर पा रहा हूं। और मै भी प्रताड़नाओं को सह-सह कर थक चुका हूँ , एवं पुलिास विभाग में सेवा करने की मेरी इच्छा समाप्त हो चुकी है। इन्ही सब कारणों को देख कर मैं सेवा से त्याग पत्र दे रहा हूँ।

बता दे कि जवान को आत्महत्या करने से रोका गया है जो कि आत्महत्या का प्र्यास कर रहा था वही मोके पर संयुक्त पुलिस परिवार के संयोजक उज्जवल दीवान, नवीन राव, एस. संतोष कुमार मौके पर मौजूद रह कर जवान को समझाइश दी ।

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