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नरगिस मोहम्‍मदी को मिला नोबेल शांति पुरस्‍कार, ईरान की सरकार ने 13 बार किया था अरेस्ट, अभी जेल में हैं बंद

नई दिल्ली। ईरान की महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता न‍रगिस मोहम्‍मदी को नोबेल शांति पुरस्‍कार से नवाजा गया है. नरगिस मोहम्मदी उस बहादुर महिला का नाम है, जिसे  ईरान की सरकार ने 13 बार अरेस्ट किया, लेकिन उनके बुलंद हौसलों में कमी नहीं आ

इतना ही नहीं, नरगिस ने 31 साल जेल में बिताए हैं. उन्हें 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई थी. नरगिस मोहम्‍मदी को जब यह सर्वोच्च पुरस्‍कार दिया गया, उस वक्त भी वह जेल में बंद हैं. नोबेल पुरस्कार समिति के अनुसार नरगिस मोहम्मदी को अपने संघर्ष को जबरदस्त कीमत चुकानी पड़ी है. 

फ्रंट लाइन डिफेंडर्स अधिकार संगठन के अनुसार ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता तेहरान की एविन जेल में कई सजा काट रही हैं. नरगिस मोहम्मदी पर ईरानी शासन के खिलाफ भ्रामक प्रचार फैलाने का भी आरोप है.

भेदभाव और उत्पीड़न का विरोध

नरगिस मोहम्मदी की सक्रियता 1990 के दशक से शुरू हुई, जब फिजिक्स की एक स्टूडेंट के रूप में उन्होंने समानता और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करना शुरू की. नोबेल समिति ने कहा कि नरगिस मोहम्मीद ने लगातार भेदभाव और उत्पीड़न का विरोध किया है.

नरगिस ने सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार के लिए संघर्ष की वकालत की. ईरान में ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए इस देश में अक्सर उत्पीड़न, जेल की सजा, यातना और यहां तक ​​कि मौत का सामना करना पड़ता है.

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