नई दिल्ली। भारतीय सेना ने नागालैंड के विशेष जांच दल (एसआईटी) को ओटिंग फायरिंग की घटना में शामिल 21 पैरा स्पेशल फोर्स के अधिकारियों और जवानों के बयान दर्ज करने की अनुमति दी है।
शीर्ष पुलिस सूत्रों ने कहा कि नागालैंड एसआईटी कल या उसके अगले दिन असम के जोरहाट में वर्षावन अनुसंधान संस्थान में अधिकारियों और जवानों के बयान दर्ज करने का काम पूरा कर सकती है।
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नागालैंड सरकार ने मोन जिले में 14 नागरिकों की हत्या की जांच के लिए 8 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। जांच में तेजी लाने के लिए एसआईटी का विस्तार किया गया था। बाद में पांच आईपीएस अधिकारियों सहित कुल 22 अधिकारियों को शामिल करने के लिए किया गया था।
इस बीच सेना के अधिकारियों की एक अलग टीम ने बुधवार को नागालैंड के तिजिट पुलिस स्टेशन का दौरा किया। जो कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का हिस्सा है।
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बता दें कि 4 दिसंबर को 21 वीं पैरा स्पेशल फोर्स को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि एक ट्रक में हथियारों की सप्लाई होने वाली है। तब एक गाड़ी वहां से गुजरी। उसे रोकने की कोशिश की गई, लेकिन गाड़ी नहीं रोकी गई। जिसके बाद फोर्स ने गाड़ी पर गोलियां चला दी। ट्रक में सवार 6 मजदूरों की मौत हो गई। घायल हुए दो अन्य लोगों को भारतीय सेना ने अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों के पहुंचते ही मामला हाथ से निकल गया और उन्होंने टुकड़ियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। उनमें से एक का गला रेत कर मौके पर ही मौत हो गई।
इधर नागालैंड में AFSPA को वापस लेने के प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला है। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि अफ्सपा को वापस लेने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।